भोपाल, प्रवेश एंव फीस विनियामक कमेटी में कार्यरत वंदना राहुरकर और उनके पति दिलीप राहुरकर की मृत्यु हो गई है। उनकी मृत्यु फीस कमेटी के कार्यालय में एक दूसरे के सामने हार्ट अटैक आने से हुई है। आज दोनों का अंमित संस्कार एक साथ किया भदभदा शमशान घाट में किया गया।
अग्नि के सात फेरे एक साथ लेने के बाद पति और पत्नी की चिताओं को मुखअग्नि भी एक साथ दी गई। शादी के पवित्र बंधन को निभाते हुए फीस कमेटी में कार्यरत संविदाकर्मी वंदना राहुरकर और उनके पति दिलीप राहुरकर की एक साथ मृत्यु हो गई। जानकारी के मुताबिक सोमवार को वंदना आफिस की कैंटीन के पास बेहोश हो गईं थीं। इस दौरान उन्हें चेयरमेन कक्ष के बाहर रखे सोफे पर बैठाकर पानी पिलाकर होश में लाया गया। इसके दस पंद्रह मिनट के होश में रहने के बाद वे दोबारा से बेहोश हो गर्इं। इस दौरान उनके बेटे और पति दिलीप को सूचित किया गया। दिलीप जैसे ही वंदना का नाम पुकारते हैं। वे भी बेहोश होकर फीस कमेटी के कार्यालय में गिर जाते हैं। इस दौरान पीपुल्स अस्पताल की एंबुलेंश फीस कमेटी पहुंची। दोनों को राजभवन के सामने संचालित पीपुल्स अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। जहां आधा घंटे के बाद डाक्टर ने दोनों को मृत्य घोषित कर दिया।
दिलीप डेढ साल पहले हुए डीटीई से रिटायर
वंदना 2008 से फीस कमेटी में संविदाकर्मी हैं। जबकि उनके पति तकनीकी शिक्षा विभाग में स्टेनो के पद से डेढ साल पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। दोनों फीस कमेटी के नजदीक बने पालीटेक्निक हास्टल में अपने बच्चों के साथ रहते थे। उनका एक बेटा और एक बेटी है, बेटा ट्रूबा कालेज में पढ़ रहा है। जबकि बेटी मुंबई में सर्विस कर रही है।
दोनों की चिताएं थी आसपास
वंदना और दिलीप की चिताओं को आसपास रखकर उनके बेटे द्वारा मुखअग्नि दी गई। ऐसे दृश्य हमेशा फिल्मों में ही दिखाई देते हैं। ऐसे घटनाक्रम देख सभी चकित हैं। दोनों के अंमित संस्कार में फीस कमेटी के अध्यक्ष कमलाकर सिंह के साथ ओएसडी आलौक चौबे के साथ डीटीई में कार्यरत कई कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हुए।