... तो वास्तविकता से परे, आवाज बुलंद कर रहे कुर्ताधारी

मामला सुर्खियों में भिखमतिया बाई बनाम रमेश पटवारी का
जिले में बीते एक माह से सुर्खियो में सिर्फ और सिर्फ एक मामला बना हुआ है, वह है भिखमतिया बाई कोल बनाम रमेश पटवारी का। मामला कहां से आया, कैसे आया यह कोई नही जानता, एकाएक बोतल से जिन्न की भांति मामले को पूर्व विधायक ने निकाला और चिल्लाने के लिए कलपदार कुर्ताधारी नेता भी पहुंच गये, जिनके दामन मे पहले से जमीन हडपने के दाग लगे हुए है, वह भी पूर्व विधायक के साथ चल पडे। चंद समय में ही मामले में सत्याग्रह, आंदोलन व ज्ञापन दिया गया। 


अनूपपुर। बुधवार को जिला मुख्यालय के इंदिरा तिराहे में भिखमतिया बाई कोल की जमीन को हडपने के आरोप रमेश पटवारी पर लगाने वालों ने लच्छेदार भाषणबाजी की। कलपदार कुर्ताधारी भाषण वाले नेताओं ने यह भी जानने की जहमत नही उठाई कि पटवारी रमेश ङ्क्षसह का उस जमीन से कितना नाता है। वास्तविकता कागजों की देखी जाये तो जिस खसरा नंबर-1080/1क/1/2 के क्षेत्रफल 0.167 को रमेश पटवारी द्वारा हडपने की बात को लेकर पूर्व विधायक रामलाल रौतेल ने आवाज मुखर की, वजह भूमि झल्लू पिता घांसी सिंह गोड के द्वारा भिखमतिया बाई कोल से क्रय की गई थी। पूर्व विधायक के द्वारा पटवारी रमेश सिंह को इस मामले में मोहरा इसलिए बनाया जा रहा है कि झल्लू सिंह पटवारी रमेश ङ्क्षसह के रिश्ते में ससुर लगते है।  उक्त खसरा नंबर की भूमि के मामले को लेकर नजर दौडाई जाये तो वहां भिखमतिया बाई कोल से कई लोगों ने जमीन खरीदी, लेकिन सवाल उठ रहा है कि जिसका दूर-दूर तक भिखमतिया बाई कोल की जमीन से कोई सरोकार नही, उस पर हडपने का आरोप क्यो लगाया जा रहा है, इसकी पडताल जब राज एक्सप्रेस ने शुरू की तो कई राज दिखाई दिये।
यह सामने आई जानकारी
भिखमतिया बाई कोल की जमीन खसरा नंबर-1080/1क/1/2 की भूमि सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता व मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य रहे सूरजदीन सिंह ने खरीदी, उसके बाद फरवरी 2007 में झल्लू सिंह गोड उम्र 58 वर्ष निवासी बरतराई थाना बिजुरी के द्वारा क्रय किया गया और फरवरी 2007 में ही श्रीमती जोगतिया बाई आयु 46 वर्ष पत्नी बी.एल. ङ्क्षसह निवासी ग्राम परासी थाना भालूमाडा ने खरीदा। यदि कोई जमीन हडप सकता है तो वह रकवे के आस-पास का ही कास्तकार होगा। दूर-दूर तक रहने वाला व्यक्ति जमीन कैसे हडप सकता है यह तो चिल्लाने वाले नेताओं को सामने लाना होगा।
सब पर आयेगी आंच
भिखमतिया बाई कोल की जमीन को हडपने का आरोप जब पूर्व विधायक रामलाल रौतेल ने लगाते हुए आंदोलन की शुरूआत की तो प्रशासन ने जांच शुरू की। पहले दौर की जांच में सामने आया कि भिखमतिया बाई कोल की जमीन किसी एक व्यक्ति ने नही खरीदी, उसकी जमीन कई लोगों ने खरीदी है। वहीं यह भी स्पष्ट दिखा कि जमीन किसी और ने खरीदी और किसी और को देकर उसमें कॉलेज संचालन की सहमति दे दी है। उनके द्वारा कॉलेज का निर्माण वास्तविक भूमि पर किया गया है कि नही, इसकी भी जांच होगी और इसकी आंच सब पर आयेगी।
आखिर क्यो चिल्ला रहे नेता जी
इस पूरे मामले को लेकर पूर्व विधायक के साथ बुधवार को इंदिरा तिराहे मे जैसे ही भाजपा नेता अनिल गुप्ता ने चिल्लाना शुरू किया वैसे ही वहां बैठे कुछेक व्यक्तियों में खुसुर-पुसुर शुरू हो गई कि जिस नेता पर खुद आदिवासियों की जमीन कब्जाने के आरोप लगे हो वह आदिवासी के साथ अन्याय की बात यहां क्यू कर रहा है। क्योकि सालो से ही रमेश पटवारी व अनिल गुप्ता का जमीनी मामला चल रहा है। नेताजी ने फ्रंट की आदिवासी के पट्टे व कब्जेदखल की आराजी खसरा नंबर 1081/1क/3 करवा 3 डिसमिल बृंदा मार्को की जमीन हथियाने की कई बार कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे। इस मामले में बृंदा मार्को द्वारा जब न्यायालय की शरण ली गई तो न्यायालय ने नेता जी के विरूद्व महिला प्रताडना व आदिवासियों के अधिकार के साथ हनन करने के मामले में अपराध पंजीबद्व करने का आदेश पुलिस को दिया था।
रामलाल भी पाक-साफ नही
भिखमतिया बाई कोल के मामले पर आवाज मुखर करने वाले व अपने आप को पाक-साफ कहने वाले पूर्व विधायक रामलाल रौतेल को अपने दामन में भी झाक कर देखना चाहिए। कई मामलों में रामलाल रौतेल पर भी आरोप लगे है, वह जहां पर रह रहे है वहीं पर आम रास्ते को रोकने का आरोप उन पर भी लगा है। ऐसे में न्याय की गुहार और सत्याग्रह की राह पर चलने की बात अब उनके मुह से ठीक नही लगती है।
समस्त मतदाताओं पर अमर्यादित टिप्पणी
इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी के नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष अग्रवाल ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पूर्व विधायक रामलाल द्वारा भरे मंच से विधायक बिसाहूलाल सिंह के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी समस्त विधानसभा क्षेत्र की जनता के खिलाफ टिप्पणी है और जनता इसे कतई बर्दास्त नही करेगी। पूर्व विधायक रामलाल रौतेल की कल जो भाषा थी वह अमर्यादित थी, किसी भी जनप्रतिनिधि के खिलाफ ऐसे शब्दो का प्रयोग करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए, मै उनके द्वारा कहे गये शब्दो की निंदा करता हूं।
तो न्यायालय पर नही भरोषा
वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष अग्रवाल ने बताया कि पहले से ही पटवारी रमेश ङ्क्षसह व भिखमतिया की जमीन क्रय करने वाले झल्लू सिंह का मामला न्यायालय में चल रहा है। ऐसे में हमे माननीय न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना चाहिए। जिस प्रकार से मामले को लेकर पूर्व विधायक रामलाल रौतेल द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है उससे स्पष्ट है कि उन्हे मामनीय न्यायालय पर भरोसा नही है।