किसान परेशान, 536 किसानों की धान नहीं हुई खरीदी


surendra tripathi
उमरिया, जिले में 536 किसानों की धान नहीं हुई खरीदी, किसान सहकारी समितियों में अपनी धान रख कर आज भी खरीदी के इंतज़ार में बैठे हैं | जिले के कलेक्टर शासन स्तर पर अनुमति का इंतजार कर रहे हैं वहीँ नेता प्रतिपक्ष भी सरकार पर आरोप लगाये हैं की सरकार अपने वादे को पूरा नहीं क्र रही है और प्रभारी मंत्री केंद्र सरकार के सर पर इसका ठीकरा फोड़ने में लगे हैं |
उमरिया जिले के 536 किसानो का धान शासन द्वारा नहीं खरीदा गया | शासन ने धान खरीदी की अंतिम तिथि 20 जनवरी निर्धारित किया था साथ ही खरीदी के अंतिम दिन किसानो को आन लाईन टोकन देने का निर्देश भी दिया था लेकिन अंतिम दिन पोर्टल नहीं चलने के कारण किसानो को टोकन नहीं मिल सका जिसके चलते किसान आज भी खरीदी केन्द्रों में धान रख कर बैठे हैं | जिले के पडवार सहकारी समिति के सैकड़ों किसान जिले के कलेक्टर के पास अपना दुखड़ा सुनाने आये | पडवार सहकारी समिति के उपाध्यक्ष विश्राम कुशवाहा और किसान केदार जायसवाल बताये कि हम लोग 15 – 16 जनवरी से 106 किसान लगभग 3 हजार क्विंटल धान लेकर बैठे हैं सकरी समिति के प्रबंधक ने बोरी दे दिया था वह भी भर कर छल्ली लगाई जा चुकी है लेकिन पोर्टल में नहीं चढाया गया |
इस मामले में जिले के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी का कहना है कि जिले में 536 किसानो को सूचीबद्ध किया गया था जिसके लिए हमने शासन स्तर पर पत्र लिखा है और वहां से निर्देश था कि उनका सूक्ष्म परीक्षण कर भेजा जाय हमने वह भी कर दिया है उम्मीद है कि किसानो की समस्या जल्द हल हो जायेगी |
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कमल नाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहे कि ये सरकार किसानो को लालच देकर हम आने के बाद 2 लाख तक का ऋण माफ़ करेंगे, किसानो का पोरा अनाज खरीदा जाएगा, बिजली के बिल माफ़ करेंगे ऐसी तामा घोषनाओं के आधार पर सरकार बनी है | किसानो के वोट ले लिए, बेरोजगारों के वोट ले लिए लेकिन आज तक किसान हित में काम नहीं हुआ एक साल से ज्यादा वक्त हो गया है | धान खरीदी हो या गेंहू खरीदी हो हर तरफ किसान हाहाकार कर रहा है, न पिछला बोनस मिला है और न अभी मिलने की कोई उम्मीद है | धान खरीदी के मामले में पूरे प्रदेश से शिकायते आ रही है हम लोगों ने इस मामले को विधान सभा में भी उठाया था और बहिर्गमन भी किया था, उस समय मुख्य मंत्री ने यह कहा था कि एक – एक दाना धान का हम खरीदेंगे लेकिन आज मुझे कहते हुए दुःख होता है, मैं जहाँ भी जाता हूँ और जो धान उत्पादक जिले हैं वहां पार यह आम समस्या है, वहां पर न तो पूरी खरीदी हुई है और न रखने की जगह है | मैं कमल नाथ जी यह कहूंगा कि जो घोषणा किये थे वह पूरा करें |
इस मामले में प्रदेश के कैबिनेट और जिले के प्रभारी मंत्री से बात किया गया तो उनके द्वारा केंद्र सरकार के सर पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा गया कि इसमें केंद्र सरकार कुछ तिथि निर्धारित कर देती है और हम बात कर रहे हैं | इतना कह कर किसानो के मुद्दे से अपना पीछा छुडा लिए |
गौरतलब है कि प्रदेश की सरकार ने जो वादे किये थे उसके आश में आज भी किसान उम्मीद लगाये बैठे हैं लेकिन सरकार के मंत्री किसानो के मुद्दे पर अपना पीछा छुडा कर केंद्र पर ठीकरा फोड़ रहे हैं |