पोहरी में प्रशासन की टीम ने रुकवाया बाल विवाह

समझाने के बाद परिजनों ने कहा अब उम्र पूरी होने पर ही करेंगे विवाह


khemraj mourya
शिवपुरी। बाल विवाह रोकथाम को लेकर जागरूकता के अनेकों प्रयास प्रशासन के द्वारा किये जा रहे है। म.प्र. सरकार द्वारा वर्ष 2013 से प्रदेश को बाल विवाह रहित बनाने के लिये लाड़ो अभियान का संचालन किया जा रहा। अभियान के दौरान विभिन्न माध्यमों से सामाजिक जागरूकता के प्रयास किये जा रहे है। लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभाव बताकर निर्धारित आयु के बाद ही विवाह करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है, किंतु लोगों को न कानून का भय है, न बेटे- बेटियों के भविष्य की चिंता।
लॉकडाउन के चलते विवाह के लिये संबंधित अनुभाग के एसडीएम से अनुमति लेना आवश्यक है,किंतु बाल विवाह करने वाले बगैर अनुमति के बाल विवाह करने के लिये प्रयत्नशील है। यह प्रशासनिक जागरूकता का ही परिणाम है कि लोग बाल विवाह होने की सूचनाएं प्रशासन तक पहुंचा रहे है। गत तीन दिनों में पुलिस एवं प्रशासन के द्वारा 4 बाल विवाह मौके पर जाकर रुकवाए गए है। मंगलवार को सुबह चाइल्ड लाइन 1098 पर कृष्णा गंज पोहरी में 1 मई को होने वाले बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई। सूचना पर जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास पोहरी के परियोजना अधिकारी नीरज सिंह गुर्जर,थाना पोहरी से परिवीक्षाधीन डीएसपी कीर्ति नरवरिया, उप निरीक्षक सीलम सिंह,पर्यवेक्षक रमा मित्रा,पुलिस आरक्षक हज़ारी सिंह एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सीमा तिवारी ने मौके पर पहुंचकर उम्र के दस्तावेजों का परीक्षण किया। बालिका की आयु 18 वर्ष से कम पाई गई। बालिका के माता-पिता एवं परिजनों को 18 वर्ष आयु पूर्ण होने से पहले विवाह न करने का बचन पत्र लिखवाया।