डेढ़ हजार कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी का टेंशन

-मार्च में सेवानिवृत्त होने वालों पर गंभीर आर्थिक संकट 
भोपाल। दो साल की आयु सीमा में वृद्धि के बाद इस साल 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए डेढ़ हजार कर्मचारियों को अब गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह है उनकी पेंशन का निर्धारण नहीं हो पा रहा है। यही नहीं इन कर्मचरियों को सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले अन्य लाभ भी नहीं मिल पा रहे हैं। इनमें सबसे बुरे हाल चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के हैं। वजह है उनका पूरी तरह से पेंशन पर निर्भर होना। पेंशन नहीं मिलने उनके सामने घर चलाने का संकट खड़ा हो जाएगा। खास बात यह है कि करीब डेढ़ हजार कर्मचारियों की पेंशन व ग्रेच्यूटी का भुगतान अभी अटका हुआ है। 30 अप्रैल को करीब दो हजार कर्मचारी और सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उनके सामने भी आने वाले महीनों में आर्थिक समस्या खड़ी होना तय है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में छह लाख 67 हजार नियमित सहित 15 लाख कर्मचारी हैं। इनमें से करीब 10 हजार कर्मचारी इस साल के अंत तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे।


फैसला न लेने से बिगड़े हालात
राज्य सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं ले सकी है। सेवानिवृत्ति के बाद के कर्मचारियों को आर्थिक लाभ देने से बचने के लिए कमल नाथ सरकार उन्हें संविदा नियुक्ति की योजना पर काम कर रही थी, लेकिन उसके पहले ही सरकार चली गई। सरकार स्तर पर समय रहते कोई फैसला न होने की वजह से हालात बिगड़ गए हैं। 31 मार्च से अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति शुरू हो चुकी है और सरकार उन्हें उनका पैसा ही नहीं दे पा रही है। जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के अनुसार कर्मचारियों को यह राशि सेवानिवृत्ति के दिन ही मिल जानी चाहिए थी।
कोरोना बना बड़ी वजह
इस स्थिति की बड़ी वजह कोरोना भी है। जिसके चलते 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन है। सरकारी आॅफिस बंद हैं। ऐसे में कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली सहित तमाम दस्तावेज आॅफिसों में बंद हैं। जिनके अभाव में पेंशन का निर्धारण नहीं हो पा रहा है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ओपी कटियार का कहना है कि सेवानिवृत्त हो चुके तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सरकार को उसी दिन लाभ देने थे या फिर वह अब इन कर्मचारियों के लिए कुछ दूसरे प्रबंध करने चाहिए थे।
सिर्फ 500 कर्मचारी ही लेंगे संविदा
कोरोना योद्घा के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों को सरकार इस माह सेवानिवृत्त होने के बाद तीन महीने के लिए संविदा नियुक्ति दे रही है। इस माह सेवानिवृत्त होने वाले दो हजार में से करीब 1500 कर्मचारी इस योजना के लिए पात्र हैं, लेकिन अधिकांश संविदा नियुक्ति नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि अब माना जा रहा है कि सिर्फ 500 कर्मचारी संविदा पर नौकरी करने के लिए सहमति देंगे। इसकी बड़ी वजह उम्र और कोरोना संक्रमण का खतरा है। स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व सहित नगरीय प्रशासन विभाग के कर्मचारी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए फ्रंट लाइन में आकर काम कर रहे हैं तो महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारी सेकंड लाइन में हैं। इन विभागों में से करीब डेढ़ हजार कर्मचारी 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सरकार इन कर्मचारियों को तीन माह के लिए संविदा पर रखना चाहती है, लेकिन ज्यादातर कर्मचारी इससे सहमत नहीं हैं। कर्मचारियों का तर्क है कि वे सिर्फ तीन माह के लिए जान क्यों जोखिम में डालें? वह भी यह जानते हुए कि कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है।
नौकरी में मिलेगा तीन महीने का एक्सटेंशन
भोपाल। कोरोना से जंग लड़ने के इनाम में राज्य सरकार ने कोरोना सिपाहियों के लिए नौकरी में तीन महीने का एक्सटेंशन देने का फैसला किया है। यह एक्सटेंशन सिर्फ उन्हीं पुलिस कर्मियों को दिया जाएगा, जो 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। इसका लाभ सिर्फ आरक्षक से लेकर डीएसपी स्तर के अधिकारी को मिल सकेगा। पुलिस महकमे के एडीजी प्रशासन अजय शर्मा के अनुसार एक्सटेंशन के लिए पुलिस कर्मियों को अपनी सेवाओं को 3 महीने आगे बढ़ाने के लिए अपने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन देना होगा। इस सुविधा का लाभ आरक्षक से लेकर डीएसपी स्तर तक के कर्मचारी ले सकेंगे।
इनको मिल सकेगा एक्सटेंशन
नए आदेश के तहत सिपाही, सहायक उप निरीक्षक, उप निरीक्षक और निरीक्षक स्तर के पुलिस कर्मी अपने जिलों के पुलिस महानिरीक्षक को आवेदन दे कर अपनी सेवाएं तीन माह के लिए बढ़वा सकेंगे। इसी तरह नगर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को एक्सटेंशन के लिए एसपी को आवेदन देना होगा।
इसलिए दिया जा रहा एक्सटेंशन
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के मामले में स्वस्थ्य विभाग के बाद पुलिस महकमे के कर्मचारी दूसरे नम्बर पर हैं। इनमें से कई पुलिस अधिकारी-कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में है, जिनका या तो इलाज चल रहा है या फिर क्वारेंटाइन हैं। इस वजह से पुलिस महकमे में मैदानी स्टाफ की कमी पड़ गई है। इसी कमी को देखते हुए 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे पुलिस कर्मियों को एक्सटेंशन देने का फैसला लिया गया है।
इन्हें नहीं मिलेगा एक्सटेंशन
एक्सटेंशन का लाभ वे ही पुलिस कर्मी ले सकेंगे, जो कोरोना संकट के चलते मैदानी डयूटी में तैनात हैं। उन पुलिस कर्मियों को एक्सटेंशन का फायदा नहीं मिलेगा, जो मैदानी ड्यूटी में नहीं हैं।
इनको मिला फायदा
स्वास्थ्य विभाग, नगरीय निकाय एवं सार्वजनिक उपक्रमों के उन कर्मचारियों को भी एक्सटेंशन दिया जा रहा है, कोरोना से जंग लड़ने के लिए तैनात हैं, और 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। इन सभी को विभाग अपनी जरूरत में मुताबिक 3 माह की संविदा नियुक्ति दे सकेंगे।