मप्र के दागी अफसरों पर कसेगा शिकंजा

-दोष सिद्ध होने के बाद भी कर रहे नौकरी
भोपाल। मध्यप्रदेश के ऐसे सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर जिन पर अदालत में दोष साबित हो चुका है, और वे अभी भी विभिन्न विभागों में पद पर बने हुए है, उन पर कार्रवाई का शिकंजा कसने की कयावद शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश के दो सौ से ज्यादा आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर ऐसे हैं जिन पर भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के आरोप हैं और जिनके खिलाफ वर्षों से जांच लंबित हैं। इनमें से कई अफसर तो रिटायर हो चुके हैं। दरअसल, केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी)ने दागी अफसरों के संबंध में अखिल भारतीय सेवाओं (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 में संशोधन करने का फैसला किया है। यह आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों पर लागू होगा। इस प्रस्ताव के अनुसार जिन दागी अफसरों को भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों में अदालत दोषी करार दिया है, अब आगे उनके निलंबन की समीक्षा नहीं होगी, बल्कि उन पर कार्रवाई की जा सकेगी।
अभी तक यह था नियम
सरकार द्वारा नियम बनाया गया था कि सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के खिलाफ भष्टाचार, आपराधिक एवं अन्य मामलों में निचली अदालतों ने दोषी करार दिया हो, वे ऊपरी अदालतों में अपील कर सकते थे। इस दौरान ऐसे अधिकारियों पर विभाग द्वारा निलंबन की कार्रवाई नहीं की जा सकती थी। ऐसे में अदालत में मामले लंबित रहने के दौरान कई वर्षो तक ये अफसर पद पर बने रहते थे। जिससे कई बार अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए सबूतों को नष्ट करने का प्रयास करते थे जिससे कई बार ऊपरी अदालतों में इन्हें संदेह का लाभ मिल जाता था। इस सब को रोकने की मंशा से सरकार ने नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है।
दो सौ से ज्यादा अफसर दागी
अभी मध्यप्रदेश में दो सौ ज्यादा आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर ऐसे हैं, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार और गड़बडि?ों तमाम गड़बड़ियों के आरोप हैं। जिनके खिलाफ और लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में वर्षों से जांच लंबित हैं। इनमें प्रदेश के 48 आईएएस अफसर ऐसे हैं, जिनके खिलाफ विभिन्न मामलों में 85 जांच चल रही हैं। जबकि कई आईएएस अधिकारी ऐसे हैं, जो रिटायर्ड हो चुके हैं और जिनके खिलाफ जांच लंबित है।
सीबीआई मांग चुकी इनकी जानकारी
सूत्र बताते हैं कि जिन दागी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों के खिलाफ वर्षों से लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार के मामले लंबित हैं, उनके नामों की सूची सीबीआई भी मांग चुकी है। इस सूची में प्रदेश के तीन दर्जन आईएएस अफसरों के नाम शामिल हैं।