राजस्थान में फंसे 295 मजदूरों को शाजापुर लाया गया, मजदूरों से कलेक्टर ने की चर्चा


amjad khan
शाजापुर। कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण शाजापुर जिले के मजदूर राजस्थान राज्य में फंसे हुए थे। इनमें से कुल 295 मजदूरों को आगर-मालवा जिले की अंतर्राज्यीय सीमा चवली से 7 बसों द्वारा लाया गया। प्रदेश सरकार की पहल से इन मजदूरों का शाजापुर आना संभव हो सका है। मजदूरों को लाने के लिए जिले से कुल 11 बसें भेजी गईं थी, जिनमें से 7 बसों से अब तक 209 मजदूरों को लाया गया है और आने वाले मजदूरों के लिए 4 बसें चवली सीमा पर रखी गई हैं। लाए गए मजदूरों से कलेक्टर डॉ वीरेन्द्रसिंह रावत ने चर्चा कर जानकारी ली। मजदूरों ने बताया कि वे लॉकडाउन लगने के 8 दिन पहले ही शाजापुर से जीरे की फसल काटने के लिए गए थे, किन्तु लॉकडाउन लगने के कारण उन्हे काम नही मिला और बिना काम के वे वहीं फंस गए थे। राजस्थान में भी उन्हे क्वारेन्टीन में रखा गया था। खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री उन्हे राजस्थान राज्य द्वारा ही उपलब्ध कराई जा रही थी। यहां आने के पहले इन सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण चवली में हुआ। शाजापुर आने के बाद सभी मजदूरों की पुन: स्क्रीनिंग की गई। इसके उपरांत उन्हे भोजन के पैकेट देकर अपने-अपने ग्रामों के लिए रवाना कर दिया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ शिवानी वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी एसएल सोलंकी, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण रविन्द्र वर्मा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विजयसिंह चौहान, आरईएस प्रवेश वर्मा, जनपद सीईओ मनीष भारद्वाज सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
प्रदेश सरकार ने हमारी सुध ली, इसके लिए हृदय से आभार
 प्रदेश सरकार ने हमारी सुध ली, इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को कोटि-कोटि धन्यवाद, हम उनके सदैव आभारी रहेंगे। यह कहना है शाजापुर जिले के ग्राम आक्या चौहान के जितेन्द्र पिता जगदीश पंवार का जो कि कोरोना वायरस कोविड.19 के कारण लागू लॉकडाउन में राजस्थान में फंस गया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने अन्य प्रदेशों में राज्य के अटके हुए लोगों को लाने की पहल की है, जिसका परिणाम है कि राजस्थान से अंतर्राज्यीय सीमा चवली से शाजापुर जिले के 295 लोगों को सात बसों से लाया गया है। चवली सीमा तक राजस्थान राज्य द्वारा बसों से मजदूरों को लाया गया था। मजदूर जितेन्द्र बताता है कि वह राजस्थान के रामदेवरा के पास काकरेन में जीरा काटने के लिए लॉकडाउन लागू होने के 8 दिन पहले गया था, तीन-चार दिन काम मिला और लॉकडाउन घोषित हो गया। इस कारण वे वहीं फंस कर रह गया। उनके पास खाने-पीने जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई थी। राजस्थान द्वारा उन्हे खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया था, किन्तु वहां फंसे होने के कारण वे शाजापुर वापिस नहीं आ पा रहे थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें लाने की पहल की जिसका परिणाम यह है कि वे आज शाजापुर आ गए हैं। आक्या चौहान की रूकमा बाई, कालीसिंध के चंदरसिंह,  खेड़ा की पिंकी, कालीसिंध के वीरेन्द्र सहित अन्य मजदूरों का भी यही कहना है।