मुख्यमंत्री के नाम शिक्षक संघ ने सौंपा 21 सूत्रीय ज्ञापन 

awdhesh dandotia
मुरैना। म.प्र. शिक्षक संघ के प्रांतीय आह्वान पर जिला इकाई मुरैना द्वारा शिक्षा, छात्र, शिक्षक हित में मुख्यमंत्री को संबोधित 21 सूत्रीय मांग पत्र जिला प्रशासन को सौंपा गया। ज्ञापन जिलाध्यक्ष डॉ. नरेश सिंह सिकरवार के नेतृत्व में दिया गया। जिले के सभी ब्लॉकों से सैकड़ों शिक्षक नगर निगम परिसर में एकत्रित हुए और यहां से रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुँचे। रैली को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष डॉ सिकरवार ने कहा शिक्षकों की पदोन्नत कर पदनाम देने की मांग कई सालों से लंबित है। सरकार ने 15 दिन में मांगे नही मानी तो बाद पूरे प्रदेश से लाखों शिक्षक भोपाल में डेरा डालेंगे। म.प्र. शिक्षक संघ शिक्षकों के स्वाभिमान और सम्मान की लड़ाई में पीछे नही हटेगा। वर्तमान सरकार के वचनपत्र अनुसार 30-35 साल से सेवा दे रहे योग्यताधारी सहायक शिक्षक, शिक्षक, प्रधानपाठकों, व्याख्याताओ, प्राचार्यों को अपग्रेड करके पदनाम देने का वादा निभाए।   
ज्ञापन में माध्यमिक विद्यालयों के प्रअ को व्याख्याता के समकक्ष माना जाए और हाई स्कूल प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देने और पुरानीपेंशन व्यवस्था को बहाल करने, व्याख्याता, उच्च माध्यमिक शिक्षक के स्थान पर पूर्व की तरह उच्च श्रेणी शिक्षक की पद पूर्ति, व्याख्याता की प्रथम, द्वितीय, तृतीय क्रमोन्नत समयमान दिये जाने की मांग की।  साथ ही ज्ञापन में कहा गया कि स्कूल शिक्षा विभाग में अधिकारियों द्वारा नित नए प्रयोग से शैक्षणिक स्तर खराब हो रहा है। इस पर अंकुश लगाने छत्तीसगढ़ की तरह स्वतंत्र शालेय शिक्षा आयोग का गठन किया जाए। सेवानिवृत्त आयु 62 से बढ़ाकर  65 वर्ष की जाए। अन्य विभागों के समान शिक्षकों को 2016 से 3? ग्रहभत्ता, चिकित्सा अनुसूचित क्षेत्र भत्ता देने व  शिक्षकों के पुत्र-पुत्रियों को उच्च शिक्षा में प्रवेश पर प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जाए। व्याख्याताओं को 10+2 प्राचार्य व प्राचार्यो से सहायक संचालक पद पर सीधे पदोन्नति दी जाए। शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्यो से मुक्त रखने के आदेश का पालन कराया जाए। साथ अवकास दिवस में प्रशिक्षण न रखे जाए। 2007 में अध्यापक कैडर में सम्मिलित हुए शिक्षा कर्मियों को वर्ग 1 और वर्ग 2 को दो-दो व वर्ग 3 को तीन वेतनव्रद्धि उनकी सेवा अवधि के आधार पर दी जाए। चाइल्ड केयर के स्थान पर फैमिली केयर लीव दी जाए। छटवें वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जाए, उच्च माध्यमिक शिक्षकों व माध्यमिक शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में 12 वर्ष पूर्ण करने पर प्रदेश और संभाग स्तर से आदेश जारी किए जाए। लंबे समय से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सेवा के लिए अतिथि शिक्षकों के मानदेय में व्रद्धि करते हुए नियमितीकरण पर विचार किया जाए। शिक्षकों की लंबित पदोन्नति सशर्त न्यायालय के आदेश के तहत की जाए, जिससे सेवानिवृत्त से पूर्व इसका लाभ मिल सके। अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को महाविद्यालय प्राध्यापकों की भांति पेंशन ओर ग्रेज्युति का लाभ दिया जाए।