अनूपपुर। क्षेत्रीय संघर्ष समिति विभिन्न समस्याओं को लेकर साथ ही जिला प्रशासन पर भारी पटवारी रमेश सिंह के खिलाफ विशाल प्रदर्शन एवं आम सभा का आयोजन बुधवार को इंदिरा चौक में संपन्न हुआ। बताया गया कि अनूपपुर जिले में गरीब परिवार का शोषण जारी है गरीब इससे मुक्ति हेतु संघर्ष कर रहा है जिसका उदाहरण बेवा भिखमतिया कोल है। जैतहरी तहसील में पदस्थ पटवारी रमेश सिंह ने अनूपपुर में स्थित भिखमतिया कोल की भूमि को धोखाधडी एवं कूट रचित करके करोडों की भूमि हडप ली है। बेवा न्याय के लिए दर-दर भटक रही है, जिला प्रशासन में बैठे उच्च अधिकारियों से इस बेवा ने कई बार आरजू मिन्नत की, लेकिन प्रशासन की जू तक नहीं रेंग रही। प्रशासन भिखमतिया कोल की समस्या का समाधान ही नहीं करना चाहता। बेवा अपनी उचित मांग को लेकर दिनांक 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर से अनूपपुर मुख्यालय में क्रमिक अनशन पर बैठी है। जिस पर प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। पटवारी के कदाचरण, पद का दुरुपयोग, बेवा महिला की भूमि की डकैती के खिलाफ एवं गरीब महिला को न्याय दिलाने हेतु आम जनता उसके समर्थन मे काफी संख्या में उपस्थित होकर संघर्ष की एवं महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया।
राजनीति से प्रेरित है पूरा मामला
भिखमतिया बाई कोल के जमीन मामले को लेकर जिस प्रकार विपक्ष के नेताओं ने आज प्रदर्शन एक पटवारी को लेकर किया। उसके पहले सत्ता पक्ष में रहते हुए दहाडने वाले नेता अनिल गुप्ता के खिलाफ जैतहरी क्षेत्र में आदिवासियों की जमीन हडपने व कुछेक किसानों को मोजर बेयर में प्राप्त मुआवजे को ऐठने के आरोप लगे थे। जिसके बाद एक मामले में न्यायालय की शरण में जाने के बाद मामले को न्यायालय ने संज्ञान पर लिया। वहीं दूसरी बात भिखमतिया बाई कोल के मामले को लेकर मुखर होने वाले पूर्व विधायक रामलाल रौतेल पर खुद भी निवास स्थल के समीप की जमीन को कब्जाने व रास्ते को बंद करने का भी प्रकरण उठा था। जिसके दामन पर पहले से दाग लगे हो वह दूसरो पर दाग लगाने के लिए इतना उतावला क्यो हो रहा है यह समझ के परे है। कहावत की ओर देखा जाये तो ये दहाडने वाले नेता ऐसे मामले में चोर-चोर मउसेरे भाई की तरह दिखाई पड रहे है।
भिखमतिया को न्याय दिलाने प्रदर्शन और ज्ञापन