आस्था की थाप पर मन्नतों की राई में थिरकती रहीं नृत्यांगनाएं

करीला में बिन प्रभु श्री राम के विराजी है माता सीता
करीला मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
(आशीष मालवीय)
अशोकनगर। मध्य भारत प्रान्त का सबसे बड़ा मेला माने जाने बाला तीन दिवसीय करीला मेला में रंगपंचमी पर लाखों श्रद्धालुओं ने कतार बद्ध हो कर माता जानकी और लबकुश के दर्शन किये। दरअसल मध्यप्रदेश के अशोकनगर में एक ऐसा मंदिर है जहां माता सीता प्रभु श्री राम के बिना अपने दोनों पुत्रों लव और कुश के साथ विराजी हैं। मान्यता के मुताविक यहां भक्तों द्वारा मांगी गई मुराद अवश्य पूरी होती है और मुराद पूरी होने पर यहां परंपरागत राई नृत्य कराया जाता है। जहां रात्रि में ढोलक औऱ नगाड़ों की थाप पर, मशाल की रोशनी में नृत्यांगनाएं पैरों में घुंगरू बांध कर रात भर नृत्य करती हैं। 


अपने आप में अनूठा मंदिर:- 
प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थिति करीला मंदिर में माता जानकी प्रभु श्री राम के बिना ही बिराजी हैं यहां माता सीता के साथ उनके दोनों पुत्र लव कुश सहित महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमाएं हैं। संभवतः यह विश्व के अकेला ऐसा मंदिर है जहां सीता बिना राम के विराजी हों। यह मेला प्रतिवर्ष रंगपंचमी पर आयोजित होता है जिसमे प्रदेश सहित आस पास के अन्य प्रदेशों सहित देश भर के कई प्रान्तों के लोग दर्शन करने और मन्नत मांगने आते हैं। और मन्नत पूरी होने पर परंपरागत राई नृत्य करवाया जाता है।
लाखों श्रद्धालु आते है दर्शनों के लिए:-
अशोक नगर शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर करीला धाम स्थित है। माता सीता के इस मंदिर होली से शुरू हो कर रंगपंचमी तक यह मेला हर साल लगता है जिसमे सिर्फ रंगपंचमी पर लाखों के करीब श्रद्धालु दर्शन करने आते है।  


क्या है इतिहास:-
इस प्राचीन मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है ऐसा कहा जाता है कि जब श्री राम ने माता सीता को वनवास दे दिया था तब लक्ष्मण जी उन्हें इसी जंगल में छोड़ गये ओर यही वाल्मीक ऋषि का आश्रम था और माता सीता ने यही पर लव कुश को जन्मदिया था। मान्यता है कि जब लव कुश का जन्म हुआ तब स्वर्ग से अप्सराओ ने आकर यहां पर बधाई नृत्य किया था और तब से लेकर आज तक यहा आने बाले श्रद्धालु अपनी मन्नत पुरी होने पर यहा बधाई नृत्य करवाते है ढोल ओर नगाड़ो की थाप पर नृत्यागनाये राई नृत्य करती है।


प्रशासन ने की जोरदार तैयारियां:-
एक ही दिन में लाखो की संख्या में एक जुट होने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ इस मंदिर में एक जुट होती है जो प्रशासन के लिये किसी बड़ी चुनोती से कम नही होती। यहां सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन की खासी तैयारियां रहती है जो पिछले तीन महीनों से शुरू हो जाती है हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाता है साथ ही सैकड़ो सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाती है। वहीं प्रशासन द्वारा भी यहां मेले को लेकर जोरदार तैयारियां की हैं। इस बार साज सज्जा भी काफी आकर्षित करने वाली रही। वही पूरे मेले पर नज़र रखने के लिए कलेक्टर डॉ मंजू शर्मा और पुलिस अधीक्षक रघुवंश भदौरिया पूरे दल वल के साथ पूरे समय मौजूद रहे।
कोरोना से निपटने किये माकूल इंतज़ाम:-
इन दिनों पुरी दुनिया पर कोरोना का कहर है जिसे महामारी घोषित कर दिया गया है। यहां पूरे देशभर से लोग आते हैं जिसके चलते यह करीला मेला भी प्रशासन के लिये किसी चुनोती से कम नही है करीला में कोरोना को लेकर प्रशासन ने भी स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी इंतज़ाम किये।
 इस हेतु यहां अस्थायी स्वस्थ केंद्र बनाया गया है जिसमे डॉ ओर नर्स पूरी मेडिकल टीम के साथ ही लोगो का चेक अप किया गया। इस के अलावा एम्बुलेंश भी मौजूद रही। यदि किसी में कोरोला वायरस के कुछ लक्षण नजर आते है तो उन्हें तुरंत जिला अस्पताल या भोपाल रेफर करने के लिये ब्यबस्थायें रहीं। इस मेले में हजारों की से संख्या में तैनात कर्मचारियों को मास्क भी उपलब्ध कराए गये है ।