अयोध्या। राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्रीरामलला को अस्थाई रूप से शिफ्ट करने की प्रक्रिया जल्दी शुरू हो जाएगी। 2 दिन के अंदर रामलला का अस्थाई फाइबर का मंदिर बनकर खड़ा हो जाएगा। विराजमान कराने के लिए रामलला के चबूतरे का निर्माण हो चुका है। 24 गुणा 17 फुट के मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। उस पर दिल्ली से अयोध्या पहुंची बुलेटप्रूफ फाइबर के स्ट्रक्चर को खड़ा किया जाना है। 2 दिन में वह भी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
20 मार्च से अयोध्या और काशी के प्रकांड विद्वान अस्थाई मंदिर के शुद्धिकरण का कार्य शुरू कर देंगे, जो 24 मार्च तक चलेगा। इस दौरान पूरे वैदिक रीति-रिवाजों के साथ जमीन का शुद्धिकरण कराया जाएगा और नवरात्र के प्रथम दिन 25 मार्च को सुबह 4 बजे रामलला अपने नए अस्थाई मंदिर में विराजमान होंगे।
यह अस्थाई मंदिर पूर्ण रूप से सुविधाओं से लैस होगा। रामलला अब तक जाड़ा, गर्मी या बरसात सभी मौसम में कैंट में विराजमान थे। लेकिन अब रामलला का अस्थाई मंदिर बहुत ही बेहतरीन और सुविधायुक्त होगा। इसमें रामलला को गर्मी से बचाने के लिए दो एसी भी लगेंगे। साथ ही मंदिर में शिफ्ट होने के साथ गर्भगृह और राम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण का कार्य भी शुरू हो सकता है।
20 मार्च से भवन का शुद्धिकरण
रामलला के प्रधान पुजारी ने कहा कि रामलला के अस्थाई मंदिर निर्माण का कार्य तेजी के साथ चल रहा है और 2 दिन के अंदर पूर्ण होने की संभावना है। 20 मार्च से रामलला के जमीन का शुद्धिकरण का कार्य शुरू होगा। रामलला 25 मार्च को नया स्थाई भवन में नवरात्र के प्रथम दिन सुबह 4 बजे विराजमान होंगे।
रामलला के नए आवास का चबूतरा बनकर तैयार
रामलला के ट्रस्टी डॉ। अनिल मिश्रा ने बताया कि अस्थाई रूप से विराजमान कराने के लिए बनने वाले चबूतरे का निर्माण हो चुका है। फाइबर का स्ट्रक्चर अयोध्या पहुंच चुका है और कारीगर उसके निर्माण के कार्य में तेजी के साथ लगे हैं। 2 दिन के अंदर वह भी पूर्ण होने की संभावना है। 17 गुणा 24 फुट का यह मंदिर पूर्ण रूप से रामलला की सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। यह अस्थाई मंदिर आग और पानी से सुरक्षित रहेगा। साथ ही इसमें भगवान को गर्मी से बचाने के लिए दो एसी भी लगाए जाएंगे। वैदिक विद्वान 20 मार्च से पूजन चालू करेंगे और 24 मार्च तक पूजन चलेगा 25 मार्च को रामनवमी के प्रथम दिन पर रामलला 4 बजे सुबह अस्थाई मंदिर में विराजमान होंगे।