ऐसे ऐसे माहौल में सत्र बुलाना प्रजातंत्र का मज़ाक: पूर्व मंत्री पीसी शर्मा 

 24 सीटों पर उपचुनाव के बाद अपना बहुमत सिद्ध करे बीजेपी: कांग्रेस 


भोपाल। मध्य प्रदेश विधान सभा में शिवराज सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया। लेकिन ये कांग्रेस की गैर मौजूदगी में हुआ। विश्वास मत हासिल करने के बाद सदन की कार्यवाही 27 मार्च तक स्थगित कर दी गयी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार दिल्ली से चल रही है। जनता की सेवा के वक्त बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग में लगी रही।


कांग्रेस की गैर मौजूदगी में शिवराज सरकार ने सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया।कांग्रेस ने पहले ही सदन की कार्यवाही के बायकॉट का ऐलान कर दिया था। इसलिए पार्टी का एक भी सदस्य विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुआ। कांग्रेस का कहना था कि बीजेपी राज्य में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद अपना बहुमत सिद्ध करे।पूर्व मंत्री पी सी शर्मा ने कहा- कोरोना के ऐसे माहौल में शिवराज ने सीएम पद की शपथ ले ली और विधानसभा भी बुला ली।जबकि ऐसे कठिन हालात में सभी विधायक अपने क्षेत्र में हैं। अभी ये सत्र बुलाना प्रजातंत्र का मज़ाक है।पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली से प्रदेश चलाया जा रहा है।जब जनता की मदद करने का वक्त था तब बीजेपी हार्स ट्रेडिंग करने में व्यस्त थी। अब अचानक सत्र बुलाना प्रजातंत्र का मज़ाक है। इसलिए कॉग्रेस आज की इस कार्यवाही में शामिल नहीं हुई।


सर्व सम्मति से मविश्वास मत पास
एमपी विधानसभा का सत्र आज शुरू होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया, जो सर्वसम्मति से पास हो गया।इस दौरान सदन में कांग्रेस का एक भी सदस्य उपस्थित नहीं था। बहुमत साबित करने के बाद सदन की कार्यवाही 27 मार्च तक स्थगित कर दी गयी।


बीजेपी ने किया था व्हिप जारी
एक दिन पहले ही सत्ता में लौटी बीजेपी ने सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए पार्टी विधायकों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। इस दौरान सभी से सदन की कार्यवाही में मौजूद रहने और विश्वास मत के समर्थन में वोट करने के लिए कहा गया था।