चारा/भूसा का जिले की सीमा से बाहर निर्यात पर प्रतिबंध

devendra yadav
मंदसौर, अतिरिक्‍त कलेक्‍टर श्री बीएल कोचले ने म.प्र. दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्‍त अधिकारों का उपयोग करते हुए चारे/भूसे का अन्‍य जिलो में निर्यात पर तीन माह तक पूर्णत प्रतिबंध लगाया गया है। जिले में खरीब फसल से प्राप्त होने वाला चारा/भूसा जिले के पशुधन हेतु भंडारण एवं पशुओं के खाने हेतु प्राप्त मात्रा में उपलब्धता बनाऐ रखने के लिये अन्‍य जिलो में निर्यात पर तीन माह तक पूर्णत प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने आदेशित किया हैं कि कोई भी व्यक्ति पशुचारा(आहार) घांस, भूसा, चारा, कड़वी (ज्वार के डंठल) आदि मंदसौर जिले से बाहर निर्यात नहीं करेगा। साथ ही उद्योगों के बायलरों/ईंट भट्टों आदि में पशुचारे/भूसे का ईंधन के रूप में उपयोग नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर भूसा/चारे का क्रय-विक्रय भी नहीं करेगा न ही अनावश्यक रूप से संग्रहण करेगा। ईंधन उपयोगी भूसे का केवल लायसेन्सधारी उद्योग ही स्टाक कर सकेगा और इसकी सुरक्षा की जवाबदारी उस लायसेन्स धारी की रहेगी। यदि कोई व्‍यक्ति ओदश का उल्‍लंघन करता हुआ पाया गया तो भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध की दोषी होकर उसे विधि के प्रावधानों के तहत अभियोजित किया जायेगा।