कोरोना वायरस के खात्मे की जंग में सभी का सहयोग जरूरी- कलेक्टर

धर्म गुरूओं की कलेक्टर ने ली बैठक, धर्म स्थलों पर भीड़ इक_ा होने से रोकने का किया अनुरोध



amjad khan
शाजापुर। लॉक डाउन के दौरान पुलिस द्वारा बरती जा रही सख्ती के बाद सड़कें अब पूरी तरह से वीरान रहने लगी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश को 21 दिनों के लिए लॉक डाउन किया गया है। लॉक डाउन के दौरान दूध, सब्जी और किराना सामान खरीदने के लिए लोगों को निर्धारित समय के लिए घरों से बाहर निकलने की अनुमति दी गई है। इसीके साथ पुलिस प्रशासन अनावश्यक रूप से सड़कों पर घूमने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्ती दिखाने लगा है जिसकी वजह से सड़कों पर अनावश्यक लोगों का निकलना बंद हो गया है। साथ ही जिला प्रशासन ने सभी धर्म गुरूओं की गुरुवार को रेस्ट हाउस पर बैठक ली।


 कलेक्टर डॉ वीरेंद्रसिंह रावत, पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव ने कोरोना के खात्मे के लिए जारी जंग में धर्म गुरूओं से सहयोग करने की अपील की। कलेक्टर डॉ रावत ने धर्म गुरूओं से कहा कि विश्वभर में कोरोना का कहर जारी है, और इस लाइलाज बीमारी से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। कोरोना की रोकथाम के लिए लोगों की भीड़ जमा नही होने देना पहली प्राथमिकता है। कलेक्टर डॉ रावत ने कहा कि मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे और चर्चों में भीड़ जमा न हो इसको लेकर धर्म गुरू समाज के लोगों को समझाएं। कलेक्टर ने बताया कि सभी धर्म संप्रदाय के लोग प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं और यह सहयोगात्मक रवैया आगे भी जारी रखें। मंदिरों में पूजन के लिए और मस्जिदों में नमाज के लिए लोगों की भीड़ एकत्रित नही होने देने की जिम्मेदार भी धर्म गुरूओं को सौंपी गई।



ग्राहकों में दूरी रखने के लिए बनाए सर्कल
 उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के चलते शाजापुर जिला भी 14 अप्रैल तक के लिए लॉक डाउन किया गया है। वहीं आमजन को जरूरी सामान के लिए परेशानी नही उठानी पड़़े, इसको लेकर प्रशासन ने किराना, दूध, सब्जियों की बिक्री के लिए समय निर्धारित किया है। वहीं प्रशासन के निर्देश पर किराना दुकान संचालकों ने ग्राहकों के बीच खरीदी के दौरान दूरी बनाए रखने के लिए सर्कल तैयार किए हैं। इन सर्कलों में ग्राहक खड़े होकर किराना सामान की खरीदी कर सकता है। किरान दुकान एक दिन छोड़कर खोली जाएंगी। किराना व्यापारी खोजेमा अली ने बताया कि उन्होने अपनी दुकान के सामने सर्कल बनाने के साथ ही रस्सी भी बांध दी है, ताकि सामान खरीदने के दौरान लोगों के बीच दूरी बनी रहे।



मदद के लिए उठने लगे हाथ
 लॉक डाउन के चलते जिले में 21 दिनों तक लोगों का अनावश्यक घरों से निकलना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसे में उन लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो गई जो लोग हर दिन मजदूरी करने के बाद अपने घरों का चूल्हा जला पाते हैं। हालांकि मुसीबत की इस घड़ी में समाजसेवियों के हाथ भी मदद के लिए उठने लगे हैं। कांगे्रस नेता नरेश कप्तान और उनकी टीम प्रतिदिन जरूरतमंदों को आटा, दाल, चावल और साबुन सहित अन्य सामान उपलब्ध करा रही है। इसीके साथ अन्य सामाजिक संगठन भी नि:शुल्क रूप से भोजन देने की व्यवस्था में जुटे हुए हैं।