भोपाल. मध्य प्रदेश में सरकार पर मंडरा रहे ख़तरे के बीच सीएम कमलनाथ पर बहुमत साबित करने का दबाव है. इसी के बीच उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को आज फिर चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने उन बातों का ज़िक्र किया है जो राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में लिखी थीं.सीएम कमलनाथ ने लिखा है कि मैंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में हमेशा मर्यादा का पालन किया है. आपके पत्र को पढ़ने के बाद मैं दुखी हूं. आपने मेरे ऊपर संसदीय मर्यादाओं का पालन न करने का आरोप लगाया है.मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी यदि आपको लगा है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं.
सीएम कमलनाथ ने इसमें विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित करने के कारणों का भी उल्लेख किया है. उन्होंने लिखा कि पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में है. WHO ने इसे महामारी घोषित किया और भारत सरकार ने एडवायजरी जारी की है. इसमें भीड़ और सार्वजनिक स्थानों से बचने की सलाह दी गयी है. इसी वजह से विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित की गयी है.
कई बार बहुमत साबित किया
सीएम कमलनाथ ने लिखा कि पिछले 15 महीनों में मैंने सदन में कई बार अपना बहुमत साबित किया है. अगर बीजेपी आरोप लगा रही है तो अविश्वास प्रस्ताव के जरिए वो फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं.मेरी जानकारी में है कि बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है. इस पर अब विधानसभा अध्यक्ष आगे कार्रवाई करेंगे.
विधायकों को आज़ाद किया जाए
सीएम ने पत्र में इस बात का भी ज़िक्र किया है कि बीजेपी ने बेंगलुरु में कांग्रेस विधायकों को बंधक बना रखा है. बीजेपी नेता उनसे मिल रहे हैं लेकिन बाकी किसी और को मिलने या बात करने नहीं दिया जा रहा. सीएम ने आग्रह किया है कि उन 16 कांग्रेस विधायकों को स्वतंत्र छोड़ दिया जाए ताकि वो अपना फैसला खुद कर सकें.
सीएम कमलनाथ ने आगे लिखा- 17 तारीख को बहुमत साबित ना करने पर यह माना जाना कि मुझे विधानसभा में बहुमत नहीं है,यह बात असंवैधानिक होगी.