प्रस्ताव मिला तो 24 घंटे के अंदर हो सकता है फ्लोर टेस्ट
भोपाल.मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा है कि सूचना मिलने के बाद बहुत शॉर्ट नोटिस या 24 घंटे के अंदर भी फ्लोर टेस्ट कराया जा सकता है. प्रदेश की सियासत में फ्लोर टेस्ट को लेकर चल रही उठापटक के बीच सिंह का ये बयान महत्वपूर्ण है.
कब और कैसे होता है फ्लोर टेस्ट
ए पी सिंह ने कहा फ्लोर टेस्ट का कोई प्रस्ताव अभी नहीं आया है, फिलहाल सदन की कार्यवाही स्थगित है. उन्होंने कहा फ्लोर टेस्ट के लिए 2 तरीके की स्थिति रहती है.सत्ता पक्ष सदन में विश्वास मत साबित करना चाहता है तो वह विश्वास का प्रस्ताव लाता है. अगर विपक्ष सत्ता के प्रति अविश्वास व्यक्त करता है तो वह अविश्वास प्रस्ताव लाता है.किसी भी पक्ष की तरफ से सूचना आती है तो उस पर विचार किया जाता है. पहले स्पीकर, कार्य मंत्रणा समिति विचार करती है, फिर समय तय होता.साथ ही फ्लोर टेस्ट की सूचना आने पर सभी सदस्यों को सूचना दी जाती है. अल्प सूचना में सेशन बुलाया जा सकता है और 24 घंटे का समय भी लग सकता है. 48 घंटे का भी समय लगता है. सिंह ने कहा स्थिति के हिसाब से समय तय होता है.
राज्यपाल की चिट्ठी की सदन को सूचना नहीं
ए पी सिंह ने कहा राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम को चिट्ठी लिखी है उसे लेकर कोई सूचना सदन को नहीं मिली है.सदन को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना भी नहीं मिली है, विधानसभा कोई प्रस्ताव नहीं बनाती है, दोनों पक्ष या सदस्य प्रस्ताव लेकर आ सकते हैं.
विधानसभा स्वतंत्र है
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा-कोर्ट विधानसभा से कोई राय नहीं लेता है. विधानसभा की कार्रवाई विधानसभा के हिसाब से स्वतंत्र रहती है.कोर्ट की कार्रवाई कोर्ट के हिसाब से स्वतंत्र रहती है. शासन को जो निर्देश मिलेंगे उसके हिसाब से आगे कार्रवाई होती है. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के सवाल पर कहा कि अभी मुझे जानकारी मिली है कि विपक्ष ने एक एफिडेविट राजपाल को दिया था उसकी एक कॉपी अध्यक्ष के पास आएगी. यह प्रारंभिक सूचना जैसी स्थिति है जब सूचना मिलेगी तो नियम प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होगी.फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं
ए पी सिंह ने कहा फिलहाल फ्लोर टेस्ट को लेकर सत्ता और विपक्ष की तरफ से कोई प्रस्ताव सदन को नहीं मिला है. यह सब सदन से बाहर की बातें हैं, जब प्रस्ताव आएगा तभी फ्लोर टेस्ट होगा.