औषधि निरीक्षक जिन मेडीकल स्टोर्स को दिलाई दुकान खोलने की परमीशन वह ग्राहकों को नहीं दे रहे मास्क

बिजली कंपनी के जेई ने शंकर मेडीकल पर की मास्क व ग्लब्स देने की गुजारिश मेडीकल स्टोर संचालक ने कर दिया इंकार। 
शिकायत के बाद भी औषधि निरीक्षक देशराज नहीं कर रहे कार्रवाई, लोगों का आरोप मिलीभगत से हो रहा गौरखधंधा। 


awdhesh dandotia
मुरैना। औषधि निरीक्षक देशराज सिंह ने जिन मेडीकल स्टोर संचालकों को दुकान खोलने की परमीशन दिलवाई थी वह मेडीकल स्टोर संचालक ग्राहकों को मास्क व ग्लब्स नहीं दे रहे। इन मेडीकल स्टोर संचालकों द्वारा केवल जेनरिक दवाओं की बिक्री ही की जा रही है। जेनरिक दवाओं को 80प्रतिशत से अधिक मार्जन है इसलिए कुछ मेडीकल स्टोर संचालक ग्राहकों की खूब लूट कर रहे हैं। घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाना अनिवार्य है। इसलिए पुलिस ने बीते रोज 50 से अधिक लोगों पर केवल इसलिए ही कार्रवाई की क्योंकि वह मास्क नहीं लगाए थे। इस डर से मंगलवार को लोग मेडीकल स्टोरों पर मास्क खरीदने पहुंच गए लेकिन मेडीकल स्टोर संचालकों ने मास्क देने से इंकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक मास्क व ग्लब्स बेचने पर दुकानदारों को खास मुनाफा नहीं मिलता इसलिए वह ग्राहकों को यह कहकर लौटा देते हैं कि मास्क दुकान पर उपलब्ध ही नहीं है। यह मेडीकल स्टोर संचालक केवल उन्हीं ग्राहकों से बात करते हैं जो ज्यादा दवाईयों का पर्चा लेकर इनके पास आते हैं। पर्चा देखकर मेडीकल स्टोर संचालक सबसे पहले तो ग्राहक को यह कहकर बरगलाते हैं कि पर्चे में जिस कंपनी की दवा लिखी है वह उपलब्ध नहीं है इसके बदले जेनरिक दवा देते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि जेनकिर दवा पर 80 प्रतिशत या उससे अधिक मुनाफा दुकानदार को मिलता है। यानि दवा की पत्ते पर 115 रुपए रेट लिखी होती है जबकि वह 12 से 15 रुपए का ही दुकानदार को बिक्री के लिए मिलता है। लेकिन मेडीकल स्टोर संचालक दवा के इस पत्ते को प्रिंट रेट पर ही ग्राहक को थमाता है। ज्यादा दुकानें न खुली होने के कारण ग्राहक को मजबूरी में यही दवा खरीदनी पडती है। यह सारा मामला औषधि निरीक्षक देशराज सिंह के संज्ञान में भी है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि उनके मूक सहमति पर ही दुकानदार यह गौरखधंधा कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस गौरखधंधे में हो रही कमाई का काफी हिस्सा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को दिया जा रहा है। यही कारण है कि औषधि निरीक्षक शहर की अन्य मेडीकल स्टोर के खुलने पर प्रतिबंध लगवाए हुए हैं, उन्होंने केवल अपने चहेते मेडीकल स्टोर्स को ही दवा बेचने की अनुमति दिलवा रखी है। 
खुद को घोषित करा लिया कोरोना योद्धा अब कर रहे मनमानी : 
सूत्र बताते हैं कि औषधि निरीक्षक लंबे समय से शहर के कुछ मेडीकल स्टोर संचालकों के साथ मिलकर अनियतिताएं करवा रहे हैं। लेकिन इसी बीच कोरोना जैसी आपदा सामने आई तो उन्होंने लोगों के सामने इधर-उधर की बातें करके इस तरह बरगला दिया कि लोग उन्हें कोरोना योद्धा कहने लगे। अधिकारियों के सामने अपनी यह छवि बनने के बाद अब वह निरंकुश होकर मनमानी कर रहे हैं। उनके चहेते मेडीकल स्टोर संचालक ग्राहकों को ऊंचे दामों पर दवाई बेच रहे हैं और औषधि निरीक्षक सबकुछ जानकार भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। 
शंकर मेडीकल स्टोर ने किया था मास्क देने से इंकार : 
दिमनी विद्युत वितरण केन्द्र पर पदस्थ सद्दाम हुसैन ने बताया कि उन्हें स्टाफ के लिए मास्क व ग्लब्स की आवश्यकता थी। इसलिए वह मंगलवार को जिला अस्पताल गेट पर स्थित शंकर मेडीकल स्टोर पर गए और मास्क व ग्लब्स देने के लिए कहा लेकिन दुकानदार ने इंकार कर दिया। इसके बाद वह अशोक मेडीकल स्टोर पर भी पहुंचे लेकिन इस दुकानदार ने भी मास्क व ग्लब्स न होने की बात कही। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि मेडीकल स्टोर संचालक लोगों को मास्क व ग्लब्स नहीं दे रहे हैं। 
कॉल नहीं किया रिसीव : 
मेडीकल स्टोरों पर हो रही अनियमितता के संबंध में बात करने के लिए औषधि निरीक्षक देशराज सिंह को उनके मोबाइल पर तीन बार कॉल किए लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे स्पष्ट होता है कि वह इस संबंध में बात करने से बच रहे हैं।