- घर की बजाय विद्यालयों में बुलाए गए छात्र
awdhesh dandotia
मुरैना/दिमनी। कोरोना वायरस की महामारी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आदेश जारी किया था कि भोजन की जगह सूखा गेहूं प्रत्येक छात्रों को घर जाकर और दूरी बनाकर देंगे। किन्तु ऐसा न करते हुए स्कूलों में हीबांटा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के खतरनाक रोग की बजह से मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी विद्यालयो में पढऩे वाले छात्रों को कक्षा 1 से 5 तक तीन किलो 300 ग्राम कक्षा 6 से 8 तक 4 किलो 750 ग्राम गेहूं चावल दिए जावेंगे। परन्तु शासन के आदेश का पालन न करते हुए तुलाबट की अपेक्षा वे एक छोटे कटोरे के माध्यम से देकर बच्चों के हक पर डाका डाल रहे है। इस कृत्य की जानकारी पलको एवं छात्रों से लगी है जो निंदनीय है। इसे लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। यहाँ बतादे कि सरकार गरीब हित में तमाम लाभ पहुँचाने की कोशिश कर रही है परन्तु नीचे स्तर पर बैठे कर्मचारी योजनाओं को पलीता लगाने में पीछे नही रहते। वे कही न कहीं खाने का रास्ता निकाल ही लेते है। इस वक्त गरीब मजदूरों को कोरोना वायरस के कारण उन्हें रोजगार नही मिल पा रहा है। शिक्षक हो या स्व सहायता समूह के अध्यक्ष मानवता को कलंकित कर रहे है। ग्रामीणों ने जिलाधीश मोरेना से मांग की है कि दिमनी क्षेत्र के स्कूल में पढऩे वाले छात्रों एवं माता पिता से सीधे बातचीत कर दोषी लोगो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करे।
बच्चों को कटोरा से गेहूं किये जा रहे है वितरित