भुवनेश्वर। रथयात्रा आयोजन से जुड़े सेवादारों के एसोसिएशन दैतापति निजोग ने तर्क दिया है कि वार्षिक रथयात्रा कभी नहीं रुकी है, फिर चाहे दोनों विश्वयुद्ध हुए या बंगाल का अकाल आया। पटनायक को लिखे पत्र में एसोसिएशन ने उनसे आग्रह किया है कि वे श्रद्धालुओं की भागीदारी के बगैर रथयात्रा का आयोजन करने की अनुमति दें। गौरतलब है कि भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा की इस रथयात्रा में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। निजोग के सचिव दुर्गा प्रसाद दासमहपात्र ने कहा, अतीत में कभी रथयात्रा नहीं रोकी गई है, फिर चाहे कैसी भी आपदा आई हो। 1866 में बंगाल के अकाल के दौरान और बॉम्बे इंफ्लूएंजा, जो 1918 से 1920 तक चला था, के दौरान भी रथ यात्रा हुई थी। बॉम्बे इंफ्लूएंजा में करीब 10 लाख लोग मरे थे। उन्होंने कहा, यह यात्रा पहले और दूसरे विश्व युद्ध, भारत-पाकिस्तान के बीच 1947, 48 व 65 में हुई लड़ाई के दौरान और देश की आजादी से पहले फैली महामारियों के दौरान भी बंद नहीं हुई।
जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों ने मांगी रथयात्रा निकालने की अनुमति