कलेक्टर ने सोशल मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए निर्देश किए जारी

sanjay sharma
खरगोन,  कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश पूर्व में ही जारी किए जा चुके है। वर्तमान समय में खरगोन में कोरोना संक्रमण के कुल 14 मरीज पाए गए है, जिनमें से 2 की मृत्यू हो चुकी है। कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी पुष्ठिपूर्वक समाचार, जानकारी या सूचना जारी होना एक गंभीर विषय बन गया है। कोरोना वायरस की मात्र खबर, सूचना या कोई भ्रामक जानकारी से लोक व्यवस्था के साथ-साथ जन स्वास्थ्य और आम जनमानस की मानसिक स्थिति तथा वृद्धजनों के अलावा हृदय रोगियों पर भी विपरित प्रभाव पड़ सकता है। ऐसी स्थिति निर्मित न हो, जो बेवजह किसी की परेशानी का कारण बनें। वर्तमान समय में कई सोशल मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखने में आया है कि जानकारी और समाचार पुष्ठिपूर्वक प्रसारित नहीं हो रहे है। इन सब स्थितियों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड ने द एपीडेमिक डिसीस एक्ट 1897 की धारा 2, 3 एवं 4 के तहत दिए गए अधिकारों का उपयोग करते हुए निर्देश जारी है।


ग्रुप्स की सेटिंग ओनली एडमिन कर लें
कलेक्टर श्री डाड ने आदेश किए है कि भ्रम फैलाने वाले गलत संदेश एवं बगैर अधिकृत व्यक्ति, संस्था या एजेंसी से पुष्ठि करवाएं। संदेशों को बनाने व उस संदेश को फारवर्ड करने की समस्त प्रकार की गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाती है। कलेक्टर श्री डाड ने अपने आदेश में कहा है कि सभी वाट्सअप ग्रुप के एडमिन अपने ग्रुप में ओनली एडमिन सेंटिग कर लें, जिससे उस ग्रुप के अन्य सदस्य मनमर्जी से पोस्ट नहीं कर सकेंगे। कलेक्टर श्री डाड ने साईबर क्राईम ब्रांच को भी आदेश दिए है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जाने या अन्य कोई कोरोना संक्रमण संबंधी भ्रामक खबर कहीं से प्रकाशित होती है, तो उसकी बारिकी से जांच करें और ऐसे कृत्य के विरूद्ध आईपीसी की धारा 187, 188, 269, 270 और 171 के तहत दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही जिले के समस्त रहवासी किसी भी प्रकार से कोई भ्रामक जानकारी किसी भी माध्यम से कोरोना संक्रमण से संबंधित भ्रामक जानकारी नहीं फैलाएगा। वहीं विभिन्न व्यवस्थाओं में लगे शासकीय अधिकारी व कर्मचारी, डॉक्टर्स आदि के किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न करने पर इस आदेश एवं राज्य शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन 23 मार्च 2020 का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे व्यक्ति, संस्था या समुह के विरूद्ध तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जाएगी।


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