कोरोना धर्म, वर्ग या जाति नहीं देखता-कलेक्टर

कोरोना की इस लड़ाई के लिए धर्मगुरूओं के साथ बैठक संपन्न


sanjay sharma
खरगोन,  कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए जिला दंडाधिकारी ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए 14 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन किया गया है। प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी धार्मिक आयोजन इस अवधि में नहीं किए जा सकेंगे। इसी सिलसिले में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद सभागृह में कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड ने धर्मगुरूओं के साथ बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य गत दिनों में खरगोन के धरगांव में कोरोना का पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद जिले के नागरिकों को और अधिक कठोरता के साथ होम आईसोलेशन और क्वारेंटाईन का पालन करते हुए मुंह पर मॉस्क लगाए रखना है। इसके अलावा धर्मगुरूओं को विशेषतौर पर कलेक्टर श्री डाड ने कहा कि कोरोना कोई धर्म, जाति या वर्ग नहीं देखता। एक बार किसी व्यक्ति में यह संक्रमण पाए जाते है, तो वह कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। यदि ऐसा हुआ, तो उस व्यक्ति के घर से 3 किमी की अवधि में कंटेनमेंट एरिया और 5 किमी की अवधि में बफरझोन घोषित किया जाता है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन अपनी पूरी निगरानी में चप्पे-चप्पे पर नजर रखते हुए हर घर में बसे व्यक्ति की आवश्यक जांच और जरूरत पढ़ने पर सैंपल ले सकता है। ऐसे समय में सभी धर्मों का समन्वय बहुत आवश्यक है। ऐसी स्थिति में हर धर्मगुरू को अपने समाज के हर व्यक्ति तक संदेश पहुंचाने की जिम्मेदारी मानवीय दृष्टिकोण से बनती है।