लॉकडाउन का असर: अक्षय तृतीया पर शहर में पांच जोडों के हुए विवाह, दोनों पक्षों के 10-10 सदस्य की रही उपस्थित

सोशल डिस्टेंसिंग रखा गया ख्याल, मुंह पर मास्क लगाकर लिए फेरे 


khemraj mourya
शिवपुरी। भारत के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका होगा जब अक्षय तृतीया जैसे अबूझ मुर्हुत मेें विवाह समारोहों का टोटा रहा। यह सब महज कोरोना जैसी महामारी के चलते हुआ। शहर मेें इस मुर्हुत में महज पांच विवाह सम्पन्न हुए और विवाह के दौरान न कोई शोर शराबा हुआ और न ही ढोल तासे बजाए गए। यहां तक महमानों को भी आमंत्रित नहीं किया गया। बस विवाह में मौजूद थे तो दोनों पक्षों के 10-10 सदस्य जिन्होंने महज तीन घंटे में पूरे विवाह कार्यक्रमों की रश्मेें निभाई और विवाह सम्पन्न हो गया। विवाह के दौरान वर-वधु ने सोशल डिस्टंसिंग का पालन किया और मुंह पर मास्क लगाकर फेरे लिए। विवाह के लिए न कोई मैरिज गार्डन किराए से लिया न ही लंबा चौड़ा टेंट लगाया। महज घर के एक कमरे मेें ही विवाह की सारी रश्में पूर्ण हो गईं। जो लोग विवाह में शामिल थे वह सेनिटाईजर का उपयोग लगातार करते रहे। 
शहर की वंृदावन कॉलोनी में राहुल चौबे और निधि गौड़ का विवाह सम्पन्न हुआ। राहुल मुंगावली न्यायालय में स्टेनो के पद पर कार्यरत हैं, जबकि निधि कोलारस कॉलेज मेें प्रोफेसर  है। इन दोनों का विवाह एक कमरे में ही सम्पन्न हो गया। बारातियों की संख्या 10 थी तो घराती भी 10 की संख्या में ही मौजूद थे। जहां पंडित जी ने मंत्रोच्चार के साथ दोनों का विवाह सम्पन्न कराया और जब वरमाला का समय आया तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वरमाला एक दूसरे को पहनाई गई। वर और वुध दोनों मुंह पर मास्क लगाए हुए थे। फेरों के बाद जब मांग भराई की रश्म अदा की गई तो दूल्हे ने अपने दोनों  हाथों को सेनिटाईज किया और इसके बाद वधु की मांग भरी। इसी तरह संजय कॉलोनी में भी अशोक खत्री की पुत्री गौशाला में रामकली शाक्य की पुत्री, विजयपुरम और घोसीपुरा में भी विवाह सम्पन्न हुए। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग और अनुमति की शर्तो का पालन किया गया।