मध्यप्रदेश में अब तैयार होंगे हार्वेस्टर आॅपरेटर

-सरकार ने आवाजाही से प्रतिबंध हटा लिया
भोपाल। कोरोना महामारी के चलते मध्यप्रदेश में एग्रीकल्चर सेक्टर भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। हालात ऐसे बने की फसल पककर तैयार थी, लेकिन उसकी कटाई नहीं हो पा रही थी। वजह थी मजदूरों के साथ ही हार्वेस्टर और उसके आॅपरेटरों का न मिल पाना। इसके चलते फसल पर संकट के बाद मंडराने लगे थे। इस स्थिति को देखते हुए अब मप्र की शिवराज सरकार ने कंबाइन हार्वेस्टर आॅपरेटर की कमी दूर करने का फैसला किया है। इसके तहत अब मप्र सरकार ने कृषि अभियांत्रकीय संस्थान की मदद से हार्वेस्टर आपरेटर तैयार कर आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया है। इस संकट के समय में कोरोना संक्रमण फैलने का जोखिम होने के बाद भी राज्य सरकार ने कंबाइन हार्वेस्टर की आवाजाही से प्रतिबंध हटा लिया है, क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। यही नहीं, सरकार को हार्वेस्टर संचालन के लिए आॅपरेटरों का इंतजाम करने के लिए पंजाब में विज्ञापन भी छपवाना पड़े।
अनुबंध किया
कुशल हार्वेस्टर आॅपरेटर तैयार करने के लिए कृषि अभियांत्रिकी संस्थान ने जॉन डियर और महिंद्रा कंपनी के साथ अनुबंध किया है। अनुबंध के तहत यह कंपनियां मशीन और प्रशिक्षण भी देंगी। इसका प्रशिक्षण भोपाल और जबलपुर में निशुल्क दिया जाएगा।
क्यों बनी यह स्थिति
दरअसल महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लागू होने के बाद से प्रदेश में कृषि श्रमिक मिलना कम हो गया है, और मजदूरी भी बढ़ गई है। जिसके चलते खेती के लिए मशीनों पर निर्भरता बढ़ी है। गेहूं और धान के बड़े हिस्से की कटाई अब कंबाइन हार्वेस्टर से ही की जाती है। अब तो इसका उपयोग चना और सोयाबीन की कटाई में भी होने लगा है। अनुमान के मुताबिक मध्यप्रदेश में आठ से दस हजार हार्वेस्टर चलते हैं। इनमें अधिकांश पंजाब और हरियाणा से आते हैं और कटाई सीजन समाप्त होते ही इन्हें यहीं खड़ाकर चले जाते हैं तो कुछ साथ ले जाते हैं।
आपरेटर की बड़ी समस्या
मध्यप्रदेश के कुछ बड़े किसानों ने हार्वेस्टर तो खरीद लिए , लेकिन प्रदेश में आपरेटर न होने से उन्हें पंजाब और हरियाणा से बुलाना पड़ता है। इसके लिए पहले से बुकिंग करनी होती है। लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते आॅपरेटर नहीं आ पाए । इसके चलते फसल कटाई पर संकट खड़ा हो गया। खेतों में खड़ी फसल की कटाई पर आए संकट को देखते हुए सरकार ने उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध हटाया फिर भी पंजाब से आॅपरेटर आने को तैयार नहीं हो रहे थे , यही वजह है कि अब सरकार ने सबक लेते हुए प्रदेश में ही आॅपरेटर तैयार करने का फैसला किया है।
रोजगार के साथ बढ़ेगी आत्मनिर्भरता
कृषि अभियांत्रिकी कके संचालक राजीव चौधरी का कहना है कि देश में कहीं भी कंबाइन हार्वेस्टर के आॅपरेटर के प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं है। पंजाब और हरियाणा में स्थानीय स्तर पर ही यह तैयार होते हैं और मध्य प्रदेश काम करने आते हैं। सरकार ने प्रदेश में ही हार्वेस्टर आॅपरेटर तैयार करने का निश्चय किया है। प्रशिक्षण के लिए जरूरी संसाधन हमारे पास उपलब्ध हैं। मशीन और प्रशिक्षक के लिए जॉन डियर और महिंद्रा के साथ अनुबंध किया है। प्रशिक्षण मिलने के बाद न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि आत्मनिर्भर भी बन जाएंगे।