प्रशासन की सजगता ने एक बेटी को बाल विवाह से बचाया


khemraj mourya
शिवपुरी। लॉकडाउन के दौरान विवाह करने के लिये लोगों को प्रशासनिक अनुमति लेना आवश्यक है,वहीं कुछ लोग बगैर प्रशासनिक अनुमति के बाल विवाह करने की कोशिशें कर रहे है। सोमवार को चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर किसी व्यक्ति के द्वारा सतनवाड़ा गांव के आदिवासी परिवार में एक 16 वर्षीय बालिका के बाल विवाह होने की सूचना दी गई। चाइल्ड लाइन द्वारा महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेन्द्र सुंदरियाल एवं बाल कल्याण समिति को सूचना दी गई। 
सूचना पर त्वरित कार्यवाही हेतु टीम का गठन कर मौके पर भेज गया। बालिका के उम्र के प्रमाण देखने पर पता चला कि उसकी उम्र 16 वर्ष है। परिजनों से चर्चा करने पर पता चला कि बालिका का विवाह 2 मई को होना था।  प्रशासन से विवाह के लिये कोई अनुमति नहीं ली गई। टीम के द्वारा बालिका के परिजनों को समझाया गया कि 18 वर्ष से पहले विवाह करना कानूनी अपराध है,तो परिजनों ने अभी विवाह न करने का भरोसा दिलाया। उल्लेखनीय है कि रविवार को अक्षय तृतीया पर पिछोर क्षेत्र में भी 2 बाल विवाह प्रशासन द्वारा रुकवाए गए थे। जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने बताया कि परिजनों से इस बात का लिखित वचनपत्र लिया गया है  कि अब वह 18 वर्ष से पहले उसका विवाह नहीं करेंगे।बाल विवाह करने वाले,कराने वाले एवं किसी भी रूप में सहयोग करने वालों के लिये कानून में 3 वर्ष की सजा एवं एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। टीम में परियोजना अधिकारी मंजुलता दुवे, पर्यवेक्षक राखी अग्रवाल, विशेष किशोर पुलिस इकाई से राकेश परिहार एवं चाइल्ड लाइन से हिम्मत रावत मौजूद थे।