उम्मीदों के दीपों से जगमगाया शहर, पीएम के आह्वान पर नौ मिनट तक जले दीप



amjad khan
शाजापुर। कोरोना के घने अंधकार में रात्रि को उम्मीदों के दीप की रोशनी दिखाई दी और लोगों ने एकजुटता का प्रमाण देते हुए पूरे शहर को रोशन कर दिया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार को रात्रि 9 बजे शहर के लोगों ने अपने घरों की बिजली बंद कर दी और इसके बाद 9 मिनट तक घरों की दहलीज और बालकनी में दीपों की रोशनी कर कोरोना की जंग में एकता का संदेश देकर शहर को जगमग कर दिया। उम्मीदों के दीपों की रोशनी के साथ ही लोगों ने आतिशबाजी भी की। इसीके साथ स्वास्थ्य विभाग और पुलिसकर्मियों ने भी दीप रोशन किए।
प्रतिबंध अवधि के लिए जारी सारे परिचय पत्र निरस्त
 कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में आईपीसी की धारा 144 के तहत लगाए गए प्रतिबंध अवधि के दौरान जारी किए गए समस्त परिचय पत्र कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ वीरेन्द्रसिंह रावत द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रतिबंधात्मक अवधि में आवश्यक सेवा के लिए जनसंपर्क, खाद्य सुरक्षा, नगरपालिका, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों द्वारा अत्यावश्यक सेवा वाले संस्थानों एवं दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के समाजसेवियों सहित अन्य व्यक्तियों को प्रतिबंध अवधि के लिए परिचय पत्र जारी किए गए थे, किन्तु प्राय: देखने में आ रहा था कि कई परिचय पत्र धारक अनावश्यक रूप से बिना किसी कार्य के अपने घरों से बाहर निकलकर उक्त परिचय पत्र का दुरूपयोग कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी है कि प्रतिबंध की अवधि में सभी नागरिक अपने घरों में ही रहें और जरूरी होने अथवा समस्या होने पर ही अपने घर से निकलें और कार्य संपन्न कर घर वापस जाएं। प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान विभिन्न व्यक्तियों को परिचय पत्र केवल अत्यावश्यक सेवा वाले संस्थानों अर्थात मेडिकल, किराना, दूध, फल और सब्जी के विक्रय आदि में लगे हुए मजदूरों-कर्मचारियों की सुविधा के लिए थे, जिससे उन्हे दैनिक आवश्यकताओं वाली सेवा प्रदान करने में कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े, परन्तु परिचय पत्र धारकों के द्वारा अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलना एवं सड़कों पर भ्रमण कर परिचय पत्र का दुरूपयोग करना शुरू कर दिया जो कि उचित नही है। इसे देखते हुए जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर डॉ रावत ने जारी किए गए समस्त परिचय पत्रों को निरस्त कर दिए हैं।