चंबल संभाग की कमिश्नर श्रीमती रेनू तिवारी ने केन्द्रीय विद्यालय का किया निरीक्षण

awdhesh dandotia
मुरैना। स्कूली बच्चों को व्यक्तित्व विकास के लिये सभी विधाओं में पारंगत बनना पड़ेगा। यह सीख चंबल संभाग की कमिश्नर श्रीमती रेनू तिवारी ने शुक्रवार को केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों को दी। कमिश्नर श्रीमती तिवारी केन्द्रीय विद्यालय के औचक निरीक्षण पर पहुंची थीं। कमिश्नर के साथ संयुक्त आयुक्त राजेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। 
कमिश्नर ने निरीक्षण के दौरान डस्टबिन में गुटखा पाउच देखे। इस पर कमिश्नर ने सभी टीचर्स को हिदायत दी कि कोर्ई टीचर गुटका नहीं खायेगा और न ही किसी को खाने देगा। उन्होंने कैमेस्ट्री लैब में रसोई गैस के सिलेण्डर देखे, इस पर आपत्ति लेते हुये उन्होनें 



रसोई गैस के सिलेण्डर को अलग रखने के निर्देश दिये। लैब में सिलेण्डर रखना खतरे से खाली नहीं है। लैब में कई तरह के कैमिकल्स एवं ज्वलनशील पदार्थ रहते है। उन्होनें पानी के अनुपयोगी को रोकने के निर्देश दिये। 
उन्होनें टीचरों की बैठक व्यवस्था और स्टोर में पाई गई गन्दगी पर असन्तोष व्यक्त करते हुये टीचरों की बैठक व्यवस्था बेहतर करने, स्टोर की पर्याप्त साफ-सफाई करने और अनुपयोगी सामग्री को हटवाने एवं फैली कॉपी-किताबों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिये। उन्होनें स्कूल के प्राचार्य सूधीर बाजपेयी को स्कूल में स्वच्छता रखने, जगह-जगह सीनरी अथवा पेन्टिंग लगाने का सुझाव दिया। खुली दीवारें अथवा साइन बोर्ड पर महान व्यक्तियों, बैज्ञानिकों की संक्षिप्त में जीवनी लिखने की भी बात कही। 
केन्द्रीय विद्यालय में संचालित कला गतिविधि कक्ष में भी कमिश्नर पहुंची। यहां पर कमिश्नर बच्चों को समझाईश देते हुये कहा कि बच्चे व्यक्तित्व विकास के लिये ऑल राउण्डर बनें। वे सब चीजे बनाना सीखें। फिर चाहे संगीत, भजन या डान्स का क्षेत्र या फिर व्यवसायिक, पेन्टर, उच्च शिक्षा हो। उन्होनें कहा कि बच्चे अभी से डॉक्टर, इन्जीनियर, आई.ए.एस., आई.पी.एस. अधिकारी बनने के सपने देखें। सपने नहीं देखोगे तो कामयाबी कैसे मिलेगी। कामयाबी प्राप्त करने के लिये लगन, मेहनत, निष्ठा की आवश्यकता होती है। कोई भी काम आदमी से बड़ा नहीं होता। अगर हम किसी भी काम की ठान लें तो मंजिल तक पहुंचने में किसी की कोई हिम्मत नहीं है कि कोई मंजिल पर जाने से रोक सके। उन्होनें बच्चों को पेन्टिंग, रंगोली बनाने, लड़के-लड़कियों को स्वादिष्ट खाना बनाने की भी सीख दी। उन्होनें बच्चों से कहा कि वे हर क्षेत्र में खुश रहे, ऊंचाईयों को छूये, जीवन में कभी निराशा नहीं लाये। कमिश्नर ने भारतीय धार्मिक, संस्कृति पर भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होनें बच्चों से कविता संस्कृत में श्लोक, गीता के उपदेश आदि सुनें। मौके पर कमिश्नर ने बच्चों से कहा कि हमें कई भाषायें आना चाहिये। क्योंकि आपको सर्विस के लिये देश के किसी भी क्षेत्र में जाना पड़ सकता है। मौके पर कमिश्नर ने मलयालम में गीत सुनाया और उन्होनें यह गीत यू-ट्यूब पर भी सुनवाया।