परम्परागत ढ़ग से मनाया गया मोहर्रम का त्यौहार

जंग-ए-करबला को याद कर झलके आंसू
बारिष की बौछारों के साथ शहर में निकला ताजियों का विशाल जुलूस
करबला की जंग में शहीद हुए इमाम हुसैन की शहादत को किया याद


nadeem khan
पन्ना। मातमी पर्व मोहर्रम में जिले भर में अकीदत के साथ मनाया गया। करबला की शहादत को याद कर फिर आंखें नम हुई और लोगों ने उस मंजर को याद कर लोगों की आंखों से आंसू बहाये। वहीं आज आसमान भी रो पड़ा। शहर में देर शाम हुई बारिष के चलते ताजियादारों को खासी परेषानी हुई। कागजी नक्कषी से बनाये जाने वाले ताजियों को पानी से बचाने के लिए कई तरह के उपाय किये गये। कुछ ताजियों पर पाॅलिथिन का कवर लगाया गया तो कुछ ताजियों को सुरक्षित स्थान पर बारिष रूकने के इंतजार में रखा गया। बारिष थमी तो शहर में ताजिये निकाले गये। मोहर्रम के 10 दिन चलने वाले इस पर्व के अंतिम दिन ताजिये निकाले जाते हैं। आज 10वीं तारीख को शहर में ताजिया निकाले गये और अकीदतमंदों ने ताजियों की जियारत कर करबला के शहीदों को नमन किया। तारीख ए इस्लाम के वह सुनहरे पन्ने जिनमें इमाम हुसैन का नाम दर्ज हैं, कभी भी मुस्लिम भाईयों के जेहन से नहीं उतर सकते। हर साल मोहर्रम के दिन इन यादों का ताजा किया जाता है। मोहर्रम पर्व पन्ना शहर में पूरे अहतराम और अकीदत के साथ मनाया गया। इमाम हुसैन ने दुनिया को दिखाया कि बहादुरी, ईमानदारी, सच्चाई और हक परस्ती की जिन्दगी का एक पल बेईमानी की जिन्दगी के लाखों सालों से बेहतर है। करबला की घटना दुनिया की तारीख का एक ऐसा वाकया है, जो 1300 साल का लंबा समय व्यतीत हो जाने के बाद भी दुनियां वालों के दिलों से दूर न हो सका। हर वर्ष मोहर्रम में इस घटना को याद किया जाता है और कयामत तक यह याद ताजा की जाती रहेगी। नबी ए पाक हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहे वसल्लम के नवासे हसन तथा हुसैन की कुर्बानी की याद में प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला मातमी त्यौहार मोर्हरम आज विश्वास के साथ मनाया गया। सोमवार को कत्ल की रात कही जाने वाली मोहर्रम की नौंवी तारीख को 12 बजे के बाद शहर के विभिन्न स्थानों पर ताजिया रखे गए। ताजिया रखने के पश्चात फातिहा ख्वानी मुस्लिम भाईयों ने पढ़े। शहर के टिकुरिया मोहल्ले में कलेक्ट्रेट के पीछे अलावा जलाकर नौजवानों ने करबला की शहादत को याद किया। जिसमें त्याग और साधनाओं की भावना नजर आयीं। मोहर्रम की दशवीं तारीख को अकीदतमंद मुस्लिमों ने रोजा रखे। वहीं शहर के कुछ प्रमुख चैराहों के पर लंगर खानी हुयी। इस दौरान शरबत, जलेबी, मीटा, चांवल, पुलाव, खीचड़ा वगैरहा आवाम के बीच लंगर किया गया। मंगलवार शाम 08 बजे के बाद विभिन्न स्थानों से ताजियों का जुलूस के साथ उठकर गांधी चैक लाया गया। जहां बारिष होने के कारण ताजियों को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न उपाये किये गये। गांधी चैक से होते हुए कोतवाली, कटरा बाजार, बड़ा बाजार, होते हुए अजयगढ़ चैराहा पहुँचे। रात्रि 12 बजे के बाद ताजियों का काफिला ढोल नगाडों के साथ कचेहरी चैराहा पहुंचा। तदोपरांत करबला शरीफ धरमसागर तालाब में फातिहा ख्वानी के लिए गए और फातिहा के बाद ताजियों को विभिन्न स्थानों में विसर्जन किया गया। बारिष के चलते इस बार ताजियों को जल्द ही करबला तक पहंुचाया गया।  



सुरक्षा व्यवस्था के रहे माकूल इंतेजाम
मोहर्रम के मातमी पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा नगर में सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए। सुरक्षा के मद्देनजर ताजियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतेजाम नजर आये। गर्णेष उत्सव के साथ ही लोगों ने सौहार्दपूर्ण माहौल में मोहर्रम का त्यौहार परम्परागतढ़ से मनाया। गांधी चैक, कटरा बाजार, बड़ा बाजार, कोतवाली चैराहा, अजयगढ़ चैराहा स्थित क्षेत्रों सहित लगभग पूरे नगर में पुलिस प्रशासन की चैकसी काफी तेज रही।
सांप्रदायिक सद्भाव की दिखी मिसाल
मोहर्रम पर्व पर पवित्र नगरी पन्ना में संाप्रदायिक सौहाद्र की मिसाल देखने को मिली। मुस्लिम भाईयों के इस त्यौहार पर हिंदू भाईयों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और सांप्रदायिक सद्भाव के साथ मोहर्रम का त्यौहार मनाया गया। ताजियों के हुजूम के साथ निकले जुलूस में सभी धर्म और वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया साथ ही लंगर भी वितरण किया। गर्णेष उत्साव के साथ साथ शहरवासी मोहर्रम का त्यौहार भी मनाते नजर आए।



हजरत इमाम हुसैन की याद में निकाले गये ताजिये
पवई। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर में मोहर्रम का पर्व बडे ही धूमधाम से मनाया गया, इसके पूर्व सोमवार, मंगलवार की रात्रि ताजियो ने नगर में गष्त की एवं ताजिये पुनः अपने मुकाम पर पहुॅचे। परम्परानुसार हसन-हुसैन की याद में मोहर्रम मनाया जाता हैं, मंगलवार को सायं 04 बजे से ताजिया निकलने का क्रम शुरू हुआ, तो देर रात तक चलता रहा। इस दौरान छोटे-बडे 15 ताजियो से अधिक ताजिया चल जुलूस में शामिल हुये, जो मंगलभवन परिसर प्रागंण में इकट्ठा हुये, और मुस्लिम युवाओ द्वारा कला बाजारी एवं कर्तव्य दिखाई दिये, और नगर के मुख्य मार्गो से होते हुये पतने नदी करबला में ताजियो को ठण्डा किया गया। इस दौरान हिन्दू भाईयो ने भी सम्प्रदाय भाईचारे का परिचय दिया और ताजियो का स्वागत किया, इस दौरान स्थानीय प्रषासन एवं पुलिस प्रषासन द्वारा सुरक्षा के माकूल प्रबंध किये गये। इस दौरान बडी संख्या में मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
गुनौर में भी निकले ताजिये
फोटो नं. 5
गुनौर में भी अकीदत के साथ मोहर्रम का त्यौहार मनाया गया। इस दौरान नगर में ताजिये निकाले गये। अकीदतमंद लोगों ने ताजियों की जियारत कर करबला को याद किया। इस दौरान ताजिये मस्जिद से शुरू हुए और नगर के इतवारी बाजार होते हुए थाना परिसर पहंुचे