मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यक को महाराष्ट्र से भी बेहतर रियायत देने का दावा 

हमारा एजेंडा तैयारी में है और कुछ दिनों बाद आप देखेंगे कि महाराष्ट्र से आगे बढ़ कर रियायत मिलने वाला है: कराड़ा 


शाजापुर. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार द्वारा मुसलमानों को शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाने के आश्वासन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कमलनाथ  के मंत्री ने बड़ा दावा किया है. मध्यप्रदेशकी कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा ने प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय को महाराष्ट्र से भी बेहतर रियायत दिए जाने का दावा किया है.



आगर मालवा में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा ने कहा, "अल्पसंख्यकों के बारे में हमारा एजेंडा तैयारी में है और कुछ दिनों बाद आप देखेंगे कि महाराष्ट्र से आगे बढ़ कर रियायत मिलने वाला है. आपको यह महसूस होगा."


बता दें, महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने हाल ही में कहा था कि एमवीए सरकार यह सुनिश्चत करेगा कि शिक्षा में मुसलमानों को पांच फीसदी आरक्षण देने वाला कानून जल्द पारित हो.
मंत्री नवाब मलिक के बयान के बाद प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश के मंत्री कराड़ा ने यह बात पत्रकारों से कही. यह पूछे जाने पर कि मध्यप्रदेश सरकार क्या मुसलमानों को आरक्षण देने की व्यवस्थ करने जा रही है, इस पर कराड़ा ने कहा कि वह इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहेंगे क्योंकि वह घोषणा करने के लिए अधिकृत नहीं है परंन्तु निश्चित तौर पर एक अच्छा ‘लिबरल मैसेज’ मिलेगा.


अध्यादेश लाएगी महाराष्ट्र सरकार
गौरतलब है कि शुक्रवार को विधान परिषद में एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि मुस्लिम समाज को आरक्षण दिया जाएगा. मलिक ने कहा कि इसके लिए सरकार अध्यादेश लाएगी. राज्य सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि पिछली सरकार (बीजेपी) ने शिक्षा में मुस्लिमों को पांच फीसदी आरक्षण नहीं दिया था. यह सरकार ऐसा करेगी.


पवार ने की थी तारीफ
बता दें महाराष्ट्र में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले जून महीने में प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार ने मुस्लिमों के लिए पांच फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी और इस संबंध में अध्यादेश भी जारी किया था.इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी एक कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों की प्रशंसा की थी. उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यकों, विशेष तौर पर मुस्लिमों ने राज्य चुनाव में भाजपा के लिए वोट नहीं किया.