31 मार्च तक हाट बाजारों पर प्रतिबंध

स्वास्थ्य विभाग के साथ कलेक्टर ने की कोरोना वायरस को लेकर बैठक
खरगोन,  घरों में कैद होने से बेहतर है कि हम अभी से सतर्कता बरतते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और कोरोना वायरस को अपने आप से दूर रखें। चीन के बाद धीरे-धीरे अन्य देशों में भी कोरोना वायरस ने अपने पैर जमा लिए है। इटली शहर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं किया और आज वहां बचाव के लिए लोगों को घर में ही कैद रखा जा रहा है। इटली सरकार ने अन्य देशों की सीमाओं को तो सील कर ही दिया है। साथ ही वहां के नागरिकों को बाजार और अन्य तरह के समारोह में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यदि हम अब भी सचेत नहीं हुए, तो हमारी स्थिति भी दयनीय हो सकती है। कोरोना वायरस के बचाव को लेकर कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड ने जिले में आयोजित होने वाले समस्त हाट बाजारों और मवेशियों के बाजारों पर प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर श्री डाड ने अपने आदेश में 20 से अधिक लोग एकत्रित होकर सभा या आयोजन नहीं करेंगे। इस संबंध में कलेक्टर श्री डाड ने जिले के समस्त एसडीएम, जनपद पंचायतों के सीईओ और नपा के सीएमओ को आदेश जारी किए है। कलेक्टर श्री डाड ने स्वास्थ्य विभाग के साथ कोरोना वायरस के बचाव व आयसोलेशन वार्ड बनाने को लेकर मंगलवार को बैठक बुलाई थी। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री डीएस रणदा, एसडीएम श्री अभिषेक गेहलोत, नपा सीएमओ निशिकांत शुक्ला, आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त जेएस डामोर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।



दामखेड़ा स्थित पिछड़ा वर्ग छात्रावास में बनाया कोरेंटिना केंद्र
बैठक में कलेक्टर श्री डाड ने सीएमएचओ डॉ. रजनी डावर और सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र जोशी को निर्देश दिए कि दामखेड़ा स्थित पिछड़ा वर्ग बालक छात्रावास में व्यवस्थित व सुविधाजनक कोरेंटिना केंद्र बनाया जाए। जहां कोरोना वायरस से पीड़ित व संदिग्ध प्रकरण व मामले के प्रकरणों पर व्यवस्थित व सुविधाजनक तौर पर उपचार के साथ ऐतिहात बरती जाएं। डॉ. रजनी डावर ने बताया कि निर्देशानुसार 50 बिस्तरीय कोरेंटिना केंद्र स्थापित कर दिया गया है। यहां अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होगी। सविल सर्जन डॉ. जोशी ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर पैनिक होना जरूरी नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना आवश्यक है। मौसम बदलने पर सामान्य रूप से बीमारियां होने लगती है। ऐसे में सर्दी, जुकाम, खांसी एक सामान्य बदलाव के तौर पर मानव शरीर को प्रभावित करता है। सामान्य सदी, खांसी या जुकाम को कोरोना न माने, लेकिन फिर भी सतर्क रहें।