भगोरिया हाट एवं त्यौहारिया बाजार में जमकर बिकी माजम-गुजरी, ग्रामीणों ने की खरीदी 

noman khan
झाबुआ। शहर में रविवार को लगे भगोरिया हाट के साथ सोमवार को लगे त्यौहारिया हाट में माजम-गुजरी की बिक्री जमकर हुई। होटलों के साथ ठेलगाड़ियों पर भी माजम-गुजरी आवाज लगाकर व्यवसाईयों ने बेची, जहां पहुंचकर ग्रामीणों ने अपनी प्रिय मिठाई की खरीदी की। 


ज्ञातव्य रहे कि भगोरिया हाट में ग्रामीणजन, जिसमें बड़े, बच्चों और बुजुर्गों के साथ युवा भी माजम-गुजरी की खरीदी कर इसका जमकर लुत्फ उठाते है। यह मिठाई जहां ग्रामीण शोकियां तौर पर खाते है वहीं धुलेंडी एवं गल पर्व में भी इस मिठाई को पूजन सामग्री के रूप में उपयोग में लिया जाता है। होटल व्यवसायी जिले में लगने वाले भगोरिया हाटों में इन्हें बेचने के लिए बड़ी मात्रा में होटल पर बनाकर थोक एवं रिटेल में भी बेचने का काम करते है। माजम जहां चाष्नी एवं शक्कर से होटलों पर ही बनाई जाती है वहीं गुजरी रेडिमेड तैयार बाहर से मंगवाई जाती है।
माजम 60 एवं गुजरी 70 रू. किलो   
शहर के बाबेल चैराहे पर माजम-गुजरी बेच रहे रिंकू रूनवाल एवं प्रदीप राजपुरोहित ने बताया कि वह हर वर्ष भगोरिया हाट एवं त्यौहारिया हाट में ठेलगाड़ी लगाकर माजम-गुजरी बेचते है। इस दौरान 3-4 क्विटंल माजम एवं 4-5 क्विंटल गुजरी का उठाव हो जाता है। इससे अच्छी आय प्राप्त हो जाती है। माजम इस बार 60 रू. किलो एवं गुजरी 70 रू. किलो के भाव से बेच रहे है। पिछले वर्ष की तुलना इस बार भाव में कोई वृद्धि नहीं हुई है। झाबुआ में रविवार को लगे भगोरिया हाट बाद सोमवार को त्यौहारिया बाजार में भी दोनो व्यवसाईयों ने बाबेल चैराहे पर दुकान लगाकर करीब 8-10 क्विंटल माजम और गुजरी बेचने का कार्य किया।