दिल्ली में हो रही मप्र के 'दंगलÓ की तैयारी, इंटेलिजेंस ने मप्र सरकार को किया सचेत

नहीं संभली सरकार तो हाथ से जाएगी फ्लोर टेस्ट की भी बारी
-8 विधायक लौटे, लेकिन 27 अभी भी भाजपा के संपर्क में
भोपाल। हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों के बीच मप्र की राजनीति में आया भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऊंट किस करवट बैठेगा, इसे लेकर अभी भी कांग्रेस और भाजपा आश्वस्त नहीं है। दोनों दलों के दिग्गज रणनीतिकार हर मोर्चे पर जुटे हैं। रूठे विधायकों को मनाने का सिलसिला जारी है। अब तक आठ विधायक घर लौटकर आ गए हैं। इस बीच इंटेलिजेंस ने सरकार को इनपुट दिया है कि उसके 27 अन्य विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।  अगर सरकार समय रहते नहीं संभली तो फ्लोर टेस्ट की बारी भी नहीं आएगी।
सूत्र बताते हैं कि अपने आठ विधायकों की वापसी के बाद कांग्रेस सरकार थोड़ी राहत महसूस कर रही थी। इसी बीच रविवार को इंटेलिजेंस ने सरकार को इनपुट दिया की कांग्रेस के और 27 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। सूत्रों का दावा है कि यह इनपुट मिलते ही रविवार रात मुख्यमंत्री कमलनाथ अचानक दिल्ली पहुंच गए।
-होली के बाद चढ़ेगा रंग
सूत्र बताते हैं कि इंटेलिजेंस ने सरकार को जो इनपुट दिया है उसके अनुसार, भाजपा आलाकमान ने सरकार को अस्थिर करने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। दिल्ली में बैठकर भाजपा के नेता कांग्रेस के विधायकों पर डोरे डाल रहे हैं। भाजपा की कोशिश है कि अधिक से अधिक कांग्रेस  और उसको समर्थन देने वाले विधायकों को तोड़ा जाए। होली के बाद सरकार को अस्थिर करने का रंग तेजी से चढ़ेगा।
- मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी
इधर, सरकार पर मंडरा रहे संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार की तैयार शुरू कर दी है। विस्तार में पार्टी के असंतुष्ट चल रहे वरिष्ठ विधायकों के अलावा सरकार को समर्थन देने वाले अन्य दलों व निर्दलीय विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके लिए सरकार स्तर पर मंथन का दौर जारी है। इसके लिए मुख्यमंत्री सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले। 10 जनपथ पर हुई मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष से कई मसलों पर चर्चा हुई है। उनका मार्गदर्शन मिला है, उसका पालन करुंगा। वे वहां से 11 मार्च को भोपाल लौटेंगे। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी ने कमलनाथ को मंत्रीमंडल का विस्तार करने और निगम मंडलों में नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। वहीं संगठन में फेरबदल की संभावनाएं भी प्रबल हो गई हैं।
-मंत्रिमंडल विस्तार का यह हो सकता है गणित
सूत्र बताते हैं कि सरकार को बचाने के लिए कैबिनेट के फॉर्मूले पर नए सिरे से विचार शुरू हो गया है। विधानसभा सदस्यों के हिसाब से मंत्रिमंडल में कुल 35 सदस्य हो सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 29 सदस्य इस मंत्रिमंडल में शामिल हैं। इस हिसाब से मुख्यमंत्री कमलनाथ असंतुष्ट विधायकों को शांत करने के लिए अपने कुनबे में छह और मंत्रियों को शामिल कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि ऐसे में मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए विधायकों की योग्यता कम से कम 3 बार चुनकर आने की तय की जा सकती है। यह फॉर्मूला समर्थन दे रहे अन्य दलों एवं निर्दलीय विधायकों पर लागू नहीं होगा। यदि इस फॉर्मूले को लागू किया जाता है तो वर्तमान कई मंत्री कैबिनेट से इस्तीफा देने तैयार हैं। कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे 6 गैर-कांग्रेसी विधायकों में से कम से कम 4 को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। कांग्रेस के 4 वरिष्ठ विधायकों को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। पार्टी के अन्य नाराज विधायकों को निगम-मंडल अथवा संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।  
-आखिर कौन बोल रहा झूठ
 हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों के बीच अब तक आठ विधायक घर लौटकर आ गए हैं। घर लौटकर आए विधायकों का कहना है कि उन्हें किसी ने बंधक नहीं बनाया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार झूठ कौन बोल रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस के विधायक कह रहे हैं कि उन्हें किसी ने नहीं रोका था। अब वे लोग माफी मांगे, जो कह रहे थे कि भाजपा ने उन्हें बंधक बनाया है।
विधायकों को दी गई जान से मारने की धमकी: गोविंद सिंह
इधर, मंत्री डॉ.गोविंद सिंह का कहना है कि गायब हुए विधायकों पर दबाव है। लापता होने के दौरान इन विधायकों के साथ मारपीट की गई है। उन्हें प्रताडि़त और बेइज्जत किया गया है। यहां तक कि इन विधायकों को जान से मारने की तक धमकियां दी गई हैं। यही वजह है कि डर के कारण अब विधायक मीडिया के सामने गलतबयानी कर रहे हैं।


- रघुराज भी आए सामने
कांग्रेस के लापता विधायक रघुराज सिंह कंसाना भी प्रकट हो गए हैं। कंसाना ने कहा कि मैं भ्रमण पर गया था, मुझे किसी ने बंधक नहीं बनाया है। वहीं, अचानक से लापता होने की बात पर उन्होंने कहा कि मेरी जरूरत किसी को नहीं है, सरकार में किसी के पास मिलने का भी समय नहीं है। रघुराज सिंह कंसाना ने कहा कि उपेक्षा से दुखी होकर मोबाइल बंद किया था। अभी मैं दिल्ली में हूं। कंसाना ने बातचीत के दौरान खुलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया का सपोर्ट किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं समझ रही किसकी वजह से मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। जनता ने युवा नेतृत्व और युवा चेहरे को चुना था। जिसकी प्रदेश में अनदेखी की गई है। बताया जा रहा है कि सिंधिया खेमे के लोग भी दिल्ली में एकत्रित हुए हैं, वहां उनकी बैठक चल रही है।


-मैं गृहमंत्री बनना चाहता हूं: शेरा
निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा सोमवार सुबह मुंबई से भोपाल वापस आ गए। शेरा सीधे तरुण भनोट से मिलने उनके निवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा गृहमंत्री बनना चाहता हूं, वर्तमान गृहमंत्री बाला बच्चन में क्षमताओं की कमी है। उनसे काम संभल नहीं रहा है। मैं कहा पीपुल फ्रेंडली पुलिस बनाने की उनकी इच्छा है। वे चहाते हैं कि लोग पुलिस से डरे नहीं उनकी दोस्त बने। माता रानी की जय हो। इससे पहले उन्होंने कहा कि  अब टूट-फूट तो भाजपा में होने वाली है। भाजपा के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। भाजपा विधायकों के बारे में वे जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा करेंगे।
- सिंधिया के राज्यसभा जाने पर सस्पेंस
मप्र से कांग्रेस किसको राज्यसभा भेजेगी इस पर सस्पेंस बरकरार है। दिल्ली में सिंधिया को राज्यसभा भेजने के सवाल पर कमलनाथ ने कोई जवाब नहीं दिया। कमलनाथ ने कहा- जब कांग्रेस अध्यक्ष से मिलते हैं तो स्वाभाविक रूप से कई मुद्दों पर चर्चा होती है। पत्रकारों ने जब उनसे कहा कि कई विधायक हरियाणा और बेंगलुरू में मिले तो इस पर कमलनाथ ने कहा- कांग्रेस में कोई अंदरुनी कलह नहीं है, सभी विधायक लौट आए और बोले तीर्थयात्रा पर गए थे। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद मप्र में राज्यसभा के उम्मीदवारों के नामों खुलासा भी हो सकता है।
-13 मार्च को साफ होगी तस्वीर
राज्यसभा के लिए कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम तय माना जा रहा है। वहीं दिग्विजय सिंह को भी फिर से मौका मिलने की संभावना है। वहीं भाजपा मेेंं मौजूदा सांसद प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया को फिर से मौका नहीं मिलेगा। इस बार पार्टी नए चेहरे को राज्यसभा भेज सकती है। राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 13 मार्च है। नाम वापसी 18 मार्च को होगी। जबकि वोटिंग 26 मार्च को और यदि मतदान हुआ तो फिर उसी दिन शाम को नतीजे भी घोषित हो जाएंगे।