इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की खराबी पर राज्यपाल नाराज, कहा-हाथ उठाकर हो विधानसभा में बहुमत का परीक्षण'

भोपाल, मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को विश्वास मत की प्रक्रिया हाथ उठाकर संचालित किए जाने के नए निर्देश दिए हैं। रविवार रात राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर दूसरा पत्र लिखा है। इसके पहले शाम को उन्होंने विधानसभा के प्रमुख सचिव को तलब कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम की खराबी पर नाराजगी जताई थी।


अपने ताजा पत्र में राज्यपाल ने कहा है कि भाजपा से प्राप्त अभ्यावेदन एवं मप्र विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी से यह ज्ञात हुआ है कि विधानसभा में अभी बटन दबाकर मतदान की व्यवस्था नहीं है। इसलिए उन्होंने अपने पूर्व निर्देश को संशोधित करते हुए कहा कि 'विश्वास मत पर मतदान की प्रक्रिया हाथ उठाकर संचालित की जाए, अन्य किसी और तरीके से नहीं की जाए।"
दोपहर में भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर बहुमत का परीक्षण कराने के लिए उक्त मांग की थी। राज्यपाल टंडन ने दोपहर बाद प्रमुख सचिव को बुलाकर विधानसभा के बजट सत्र को लेकर तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही इस बात पर नाराजगी भी जताई कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम खराब था तो उसे समय से ठीक क्यों नहीं कराया गया। राज्यपाल ने अन्य सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कराने के निर्देश भी दिए।
इससे पहले राज्यपाल ने शनिवार को प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी को भी राजभवन बुलाकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली थी। उन्होंने खासतौर पर भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भोपाल में हुए हमले, विधायकों की सुरक्षा और कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेश में तैयारियों को लेकर पूछताछ की थी।
उल्लेखनीय है कि रविवार दोपहर में भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें विधानसभा के संदर्भ में जानकारियां दीं थीं। साथ ही शिकायत की थी कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के संदर्भ में जो निर्देश दिए हैं, वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम से इसलिए नहीं हो सकता, क्योंकि यह खराब पड़ा है।
नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने बताया कि फ्लोर टेस्ट के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम यदि यह सिस्टम काम नहीं करता तो बहुमत का पता करने विधानसभा सदस्यों के हाथ उठाकर परीक्षण कराया जाए।