किराएदार ने की थी कुमकुम तिवारी की हत्या 

kamlesh pandey
छतरपुर। होलिका दहन की रात 9 मार्च को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के छुई खदान मोहल्ले में हुई अनुराधा उर्फ कुमकुम तिवारी की हत्या उसके ही पड़ोस में रहने वाले देवर के किराएदार ने की थी। किराएदार विनोद पटेल ने दुष्कर्म की इच्छा पूरी न होने पर महिला को गला दबाकर मौत के घाट उतारा था। सिविल लाइन टीआई विनायक शुक्ला ने चार दिन के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया है।


शनिवार को सीएसपी उमेश शुक्ला ने पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए इस मामले की जानकारी पत्रकारों के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि मृतिका अनुराधा तिवारी के पति पूरनलाल तिवारी शासकीय सेवा में है वे 9 मार्च को बिजावर क्षेत्र के ग्राम देवरा में ड्यूटी पर तैनात थे। रात के वक्त महिला घर में अकेली थी। मोहल्ले के एक घर में एक जन्मदिन समारोह चल रहा था जिसमें डीजे बज रहा था। महिला को घर में अकेला पाकर एवं शोरगुल का फायदा उठाकर पड़ोस में ही रहने वाला पूरनलाल तिवारी के भाई राजू तिवारी का किराएदार विनोद पटेल निवासी ग्राम सिमरधा थाना महाराजपुर घर में घुस आया। विनोद ने अनुराधा के साथ दुष्कर्म करने के लिए जबरदस्ती की। महिला ने जब इसका पुरजोर विरोध किया तो गुस्से में विनोद ने महिला का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया।
ऐसे पकड़ा गया
टीआई विनायक शुक्ला ने बताया कि वारदात की रात किसी को भी इस कत्ल की जानकारी नहीं लगी। सुबह जब अनुराधा तिवारी के एक रिश्तेदार मुन्नालाल तिवारी उनके घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि महिला अर्धनग्र अवस्था में जमीन पर पड़ी हुई है और उसकी जान जा चुकी है। उन्होंने इसकी सूचना अनुराधा के पति एवं पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने वारदात से जुड़े सारे सुराग खंगाले तो पता लगा कि पड़ोस में ही रहने वाला राजू तिवारी का किराएदार विनोद पटेल वारदात के दिन से ही फरार है एवं उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ बता रहा है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए उसकी खोजबीन शुरू की तो वह छतरपुर रेलवे स्टेशन के पास पकड़ा गया। जब पुलिस ने आरोपी के साथ सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। इस खुलासे में सब इंस्पेक्टर ब्रजेन्द्र कुमार चाचौदिया, थाना प्रभारी महाराजपुर अरूण शर्मा, एफएसएल अधिकारी रीतेश शुक्ला, प्रधान आरक्षक सतीश त्रिपाठी, आरक्षक हरचरण सिंह राजपूत, धर्मेन्द्र चतुर्वेदी, वीरेन्द्र कुमार, कुलदीप कुमार, किशोर कुमार रैकवार, शैलेन्द्र सिंह की सराहनीय भूमिका रही।