सीएम पद की शपथ लेकर शिवराज सिंह ने रचा प्रदेशमें इतिहास

एक सादा समारोह में शपथ लेते ही भाजपाईयों एवं आम नागरिकों ने जमकर चलाए फटाखें


गजराजसिंह मीणा 
ब्यावरा, प्रदेष में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के पतन के बाद फिर भाजपा की सरकार बनी और सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में एक बार फिर षिवराजसिंह चैहान को विधायक दल का नेता चुना गया। इसी के साथ प्रदेष में श्री चैहान के नाम पर इतिहास बन गया, क्योंकि प्रदेष में चैथी बार शपथ लेने वाले पहले नेता बन गए। एक सादा समारोह में श्री चैहान द्वारा राज भवन में शपथ लेते ही भाजपाईयों एवं आम नागरिकों ने जमकर चलाए फटाखें चलाकर अपनी खुषियों का इजहार किया। उल्लेखनीय है कि शिवराज सिंह चैहान 2005-2018 तक मध्यप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। शिवराजसिंह चैहान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ता हैं। वे 29 नवंबर, 2005 को बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। शिवराज सिंह चैहान का जन्म 5 मार्च 1956 को हुआ। उनके पिता का नाम श्री प्रेमसिंह चैहान और माता श्रीमती सुंदरबाई चैहान हैं। उन्‍होंने भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा प्राप्‍त की। सन् 1975 में मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्ष। आपातकाल का विरोध किया और 1976-77 में भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन किए और कई बार जेल गए। सन् 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। वर्ष 1992 में उनका श्रीमती साधना सिंह के साथ विवाह हुआ। उनके दो पुत्र हैं।


राजनीति शुरू से ही सक्रिय
सन् 1977-78 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने। सन् 1975 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। सन् 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। शिवराज सिंह चैहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। इसके बाद 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने। शिवराज सिंह चैहान 1991-92 में अखिल भारतीय केशरिया वाहिनी के संयोजक तथा1992 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने। सन् 1992 से 1994 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव नियुक्त। सन् 1992 से 1996 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति, 1993 से 1996 तक श्रम और कल्याण समिति तथा 1994 से 1996 तक हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य रहे।


ये 11 वीं लोक सभा में वर्ष 1996 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुनः सांसद चुने गये। सांसद के रूप में 1996-97 में नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति, मानव संसाधन विकास विभाग की परामर्शदात्री समिति तथा नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति के सदस्य रहे। चैहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार 12 वीं लोक सभा के लिए सांसद चुने गये। वह 1998-99 में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। ये वर्ष 1999 में विदिशा से चैथी बार 13 वीं लोक सभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-2000 में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे।


सन् 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति (लोक सभा) के अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। चैहान 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह चैहान पॉचवी बार विदिशा से 14 वीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुये। वह वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे।


श्री चैहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये। श्री चैहान को 29 नवम्बर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में श्री चैहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। श्री चैहान को 10 दिसम्बर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। श्री चैहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जंबूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।


फिर मिलेगा इन योजनाओं को गति
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर-कान्ट्रेक्टर योजना, निःशुल्क पैथालॉजी जाँच योजना, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना