चंबल के ‘बागियों’ पर बनी फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के किरदार ने इरफान खान को दिलाया था अवॉर्ड
-चंबल के इस किरदार ने इरफान खान को दिलाया था नेशनल अवॉर्ड, निधन की खबर से भावुक हुए सिंधिया
भोपाल/मुंबई। मौजूदा दौर के बेहतरीन अदाकार इरफान खान अब नहीं रहे। पिछले हफ्ते वे मुंबई के अपने घर के बाथरूम में गिर गए थे। फौरन करीब के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराए गए। बुधवार सुबह बाद खबर आई कि अब वहां से भी चले गए हैं। कभी भी लौटकर नहीं आने के लिए। इंतकाल हो गया है उनका। उम्र महज 53 साल ही थी। चार दिन पहले की बात है, शनिवार को जयपुर में इरफान की अम्मी सईदा बेगम की मौत हुई थी। वे 95 साल की थीं। इरफान नहीं जा पाए थे। अभी के हालात में कौन घर से निकल सकता है भला! शायद इसलिए दुनिया से ही निकल गए। इरफान मूल रूप से जयपुर के ही रहने वाले थे। वे बेहद बीमार थे। सालभर पहले ही लंदन से एक साल तक इलाज कराकर लौटे थे। फिर एक फिल्म की थी, जो अभी मार्च में ही रिलीज हुई है। नाम है अंग्रेजी मीडियम। पान सिंह तोमर के लिए इरफान खान को नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिया गया। कला के क्षेत्र में उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री से भी नवाजा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इरफान के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के सिनेमा और थियेटर के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वहीं अभिनेता इरफान के निधन से मध्य प्रदेश भी शोक में है। सभी इस बेहतरीन अभिनेता के असमय जाने पर स्तब्ध हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ समेत तमाम लोगों ने उन्हें अपनी-अपनी तरह से याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इरफान खान के साथ अपनी फोटो ट्विटर पर शेयर की है। सिंधिया ने लिखा है कि इरफान खान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक बेहतरीन अभिनेता थे। हम सबके लिए उनका निधन बड़ी क्षति है। इरफान खान की मध्य प्रदेश से यादें जुड़ी हैं, जब वो पान सिंह तोमर फिल्म की शूटिंग के लिए ग्वालियर-चंबल आए थे।
पान सिंह तोमर का किरदार निभाया था
इरफान खान अभिनीत फिल्म पान सिंह तोमर वर्ष 2012 में रिलीज हुई थी। इसमें वो लीड रोल में थे। फिल्म की शूटिंग के लिए वो मध्य प्रदेश आए थे। घाटीगांव और आसपास के इलाकों में फिल्म की शूटिंग हुई थी। इस फिल्म में ग्वालियर-चंबल के कई स्थानीय कलाकारों ने भी रोल किया था। पान सिंह तोमर सेना के खेल पदक विजेता पान सिंह की जिंदगी पर आधारित थी, जो बाद में बागी हो गया था। फिल्म का निर्देशन तिग्मांशु धूलिया ने किया था।
सलाम बॉम्बे से की थी शुरुआत
इरफान खान ने 1988 में आई मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे से इरफान ने शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने मकबूल, लाइफ इन अ मेट्रो, द लंच बॉक्स, पीकू, तलवार और हिंदी मीडियम जैसी फिल्मों में काम किया। उन्हें हासिल (निगेटिव रोल), लाइफ इन अ मेट्रो (बेस्ट एक्टर), पान सिंह तोमर (बेस्ट एक्टर क्रिटिक) और हिंदी मीडियम (बेस्ट एक्टर) के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।
आखिरी यात्रा में सिर्फ 20 लोग मौजूद थे
मुंबई के वसोर्वा स्थित कब्रिस्तान में बुधवार को उन्हें दोपहर तीन बजे सुपुर्दे खाक किया गया। इस मौके पर उनके बेहद करीबी 20 लोग ही मौजूद थे। पुलिस ने लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से इरफान के पॉर्थिव शरीर को घर ले जाने की अनुमति नहीं दी। उन्हें अस्पताल से सीधा कब्रिस्तान लाया गया।
Ñहमेशा दि दिलों में रहेंगे जिंदा
सीएम शिवराज सिंह चौहान: असमय निधन पर बेहद दुख होता है। इरफान खान ने अभिनय शब्द को नयी परिभाषा दी। वो अपने अभिनय के जरिए हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ: आज चमकता हुआ एक सितारा हमारे बीच से चला गया। उन्होंने विभिन्न फिल्मों के माध्यम से अपनी कला का नायब प्रदर्शन किया। इरफान बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव: अभिनेता इरफान खान एक बेहद संजीदा कलाकार थे। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।