संपूर्ण लॉकडाउन सफल : कोरोना हारेगा, शिवपुरी जीतेगी

सड़कों एवं बस्तियों को किया गया सैनिटाइज, कलेक्टर एवं एसपी ने लिया जायजा


khemraj mourya
शिवपुरी। कोरोनावायरस के प्रभाव को देखते हुए देशभर में 21 दिन का लॉक डाउन घोषित किया गया है। जिले में रविवार को शिवपुरी शहर में संपूर्ण लॉक डाउन रखा गया। लॉक डाउन के दौरान नगर पालिका द्वारा शहर को सैनिटाइज करने का काम किया गया। नगर पालिका की टीम ने प्रमुख राहों, मार्गों और बस्तियों में सैनिटाइजर का छिड़काव किया।


कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिला प्रशासन हो या पुलिस और स्वास्थ्य विभाग, पूरी टीम मुस्तैदी से काम कर रही है। शहर में लॉक डाउन की स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों ने भी भ्रमण किया। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी और पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह कंवर, एसडीएम अतेंद्र सिंह गुर्जर, सीएमओ केके पटेरिया, सूबेदार रणवीर सिंह यादव ने भ्रमण कर व्यवस्थाएं देखी। इस लॉक डाउन में शहर की जनता का भी सहयोग देखने को मिला।
चिकित्सकों की टीम घर-घर जाकर कर रही है प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण 


कोरोना वायरस को हराने की जंग में चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह किसी भी व्यक्ति के प्रत्यक्ष संपर्क में आकर काम कर रहे हैं। जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए चिकित्सकों की टीम बनाई गई है जो घर-घर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। जिले में बाहर से आने वाले श्रमिक परिवार या किसी प्रकार की लक्षण होने पर हमारे चिकित्सकों की टीम प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है और लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। ग्रामीण हो या शहरी दोनों क्षेत्रों में टीम नागरिकों से संपर्क कर रही है। डॉक्टरों द्वारा आम जनों को सावधानी बरतने, सोशल डिस्टेंस बनाए रखने और बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह दी जा रही है। आयुर्वेदिक दवा का वितरण भी किया जा रहा है।
आशा कार्यकर्ताओं ने दीवारलेखन कर जागरूक किया


ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता दीवार लेखन के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं। साथ ही वह घर घर जाकर लोगो से संपर्क कर रही हैं। दीवारों पर सोशल डिस्टेंस बनाये रखने, घरों में ही रहने के संदेश लिखे जा रहे हैं।


स्टाफ नर्सो के लिए परिवहन, आवास एवं भोजन व्यवस्था
राज्य शासन ने कोरोना वायरस कोविद-19 के उपचार के लिये चिन्हित शासकीय तथा निजी चिकित्सालयों और चिकित्सा महाविद्यालयों में ड्यूटी पर कार्यरत स्टाफ नर्सों को लाने-ले-जाने के लिए परिवहन एवं आवासीय व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि इस व्यवस्था के लिये मिशन के कोविड बजट में राशि आवंटित की गयी है।


जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समूह का गठन
राज्य शासन ने कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिये जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समूह गठित करने का निर्णय लिया है। समूह में पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड और जिला मुख्यालय के नगर निगम के आयुक्त को शामिल किया गया है। समूह में सामाजिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये स्थानीय स्तर पर सामाजिक संगठनों, प्रतिष्ठित निजी चिकित्सक, उद्योगपति आदि को कलेक्टर बैठक में आमंत्रित कर सकेंगे, जो संकट प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। समूह द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न आपात स्थिति पर नियंत्रण के लिये राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप आकस्मिक कार्य-योजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। 


कोविड-19 प्रभावित गर्भवती महिलाओं के प्रसव में सावधानी के निर्देश
कोविड पॉजिटिव अथवा संभावित संक्रमित गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। कोविड-19 पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं को जिला चिकित्सालय के कोविड वार्ड में और शासकीय मेडिकल कॉलेज वाले जिलों में मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में रखने को कहा गया है। संभावित संक्रमित गर्भवती महिलाओं के मामले में यूनिवर्सल इन्फेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकाल का पालन करने और प्रसव के बाद लेबर रूम और मेटरनिटी ओटी का फ्यूमिगेशन, क्वालिटी प्रोटोकाल के अनुसार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। कोविड संभावित संक्रमित और पॉजिटिव श्रेणी में आने वाली गर्भवती महिलाओं को आइडेंटिफिकेशन टैग देने, ट्रिपल लेअर मेडिकल मास्क उपलब्ध कराने, सभी उपकरणों का एक प्रतिशत हाईप्रोक्लोराईड से प्रोटोकाल अनुसार डिसइन्फेक्ट करने और बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन अलग से कोविड प्रोटोकाल अनुसार करने के निर्देश भी दिए गए है। सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन आदि को निर्देश दिए गए हैं कि प्रसव कराने में न्यूनतम स्टाफ को शामिल किया जाए और उन्हें प्रोटोकाल अनुसार हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की डोज दी जाए तथा क्वारेंटाइन भी किया जाए।